Jaipur Famous Temple: जयपुर में वैसे तो बहुत मंदिर है, जो प्रसिद्ध है अपने कला विशेषता से जाने जाते हैं, लेकिन आइए जानते हैं जयपुर के 3 ऐसे प्रसिद्ध मंदिरो के बारे में, जिसके शिवरात्री पर दर्शन करना शुभ माना जाता है।
केदारनाथ शिव मंदिर जयपुर
ये मंदिर जगतपुरा, खो नागोरियान गांव की पहाड़ी पर 1400 फिट की ऊंचाई पर स्थित है, जिसे 1102 ईस्वी में चांदा मीना नाम के शासक ने बनवाया था, इस मंदिर का प्राचीन शिवलिंग, माता पार्वती और नंदी की प्रतिमा के साथ केदारनाथ धाम (उत्तराखंड) से लाया गया था।
ये केदारनाथ शिव मंदिर जयपुर का सबसे प्राचीन मंदिर है, जिसमें दो शिवलिंग विराजमान है। इस मंदिर के गर्भगृह तक कोई भी बुजुर्ग नहीं पहुंच पाया। इस मंदिर तक जाने के लिए भक्तों को 3 किलोमीटर जंगलों और पत्थरों वाले उबड़-खाबड़ रास्ते के बीच होकर भगवान शंकर के दर्शन के लिए जाना पड़ता है।
अगर आप शिव मंदिर के दर्शन के लिए जाना चाहते हैं, तो आपको पानी की बोतल और पहाड़ी पर चढ़ने के लिए अच्छे जूते होने चाहिए, क्योंकि पहाड़ी में ढ़लान होने से फिसलने का और जहरीले जीव-जंतुओं डर बना रहता हैं।
ताड़केश्वर शिव मंदिर जयपुर
ताड़केश्वर शिव मंदिर जयपुर का सबसे पुराना होने के कारण विश्व विख्यात है। ये जयपुर के चौड़ा रास्ता एरिया में स्थित है, पहले इस मंदिर को ताड़कनाथ के नाम से जाना जाता था, लेकिन इसके आसपास ताड़ के पेड़ होने से इस मंदिर नाम ताड़केश्वर पड़ गया।
ताड़केश्वर शिव मंदिर की मान्यता
इस मंदिर के बारे में ये कहा जाता है कि इस मंदिर को जिस जगह बनाया गया है, वहां प्राचीन समय में रोजाना एक गाय आकर खड़ी हो जाती थी और उसके थन से अपने आप दूध निकल कर बहने लगता था, तब लोगों ने उस जगह की खुदाई की, तो जमीन के अंदर से भोलेनाथ खुद प्रकट हुए थे और भक्तों को दर्शन दिये थे। इस मंदिर में मनोकामना पूरी होने पर 51 किलो दूध-घी से जलेहरी भरा जाता हैं।
झाड़खंड महादेव मंदिर जयपुर
जयपुर स्थित एक ऐसा खूबसूरत मंदिर जो दक्षिण भारत के मंदिरो की खूबसूरती है। जयपुर के प्रेमपुरा में स्थित इस मंदिर का नाम झाड़खंड महादेव मंदिर है, यहां हज़ारों श्रद्धालु इस मंदिर में प्रतिदिन दर्शन व् आरती के लिए नियमित रूप से आते है, महादेव जी "देवो के देव" माने जाते हैं।
खाली हाथ नहीं लौटे यहां भक्त
ये झाड़खंड महादेव का मंदिर जयपुर के उन चुनिंदा मंदिरों में से एक है माना जाता है की श्रद्धा भाव से आने वाले भक्त कभी खाली हाथ नहीं लौटे यहां भक्तो की हर इच्छा एवं मुराद यहां पूरी होती हैं।
यह मंदिर बरसों पुराना है और यहां इस भूमि पर सैकड़ों बाबाओं ने तपस्या भी की है। इस मंदिर में पुरे वर्ष श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है लेकिन शिवरात्रि के समय यहां एक अलग ही नजारा दिखाई देती है। ऐसा माना जाता है कि जो भी यहां शिवलिंग के दर्शन और शिवलिंग को पंचामृत स्नान करवाता है, उसकी भगवान शिव हमेशा रक्षा करते हैं और उनपर कृपा बनाए रखते हैं।
इसे भी पढ़े:- Ekling Ji Ka Mandir : राजस्थान का वो मंदिर...जिनका आशीर्वाद लेकर रणभूमि में उतरते थे महाराणा प्रताप