Jeen Mata Mandir Ki Kahani : भारत एक ऐसा देश है जहां केवल धार्मिक मान्यता ही नहीं, बल्कि सनातन धर्म से ताल्लुक रखने वाले प्राचीन मंदिर भी हैं। माता शक्ति के अनेक रूपों का ना केवल वंदन किया जाता है, बल्कि सभी देवी देवताओं में मां शक्ति का प्रमुख स्थान भी है। राजस्थान में स्थित जीण माता का मंदिर बहुत शक्तिशाली मंदिरों में गिना जाता है। शेखावाटी क्षेत्र में स्थित इस मंदिर मां का काफी पुराना मंदिर भक्तों की आस्था का प्रमुख स्थान भी है। यह एक ऐसा मंदिर है जो सुंदर जंगलों के बीच में बना हुआ है। इस मंदिर के आसपास तीन छोटी पहाड़ियां हैं जिनसे मंदिर घिरा हुआ है।
दीवारों पर लगी हैं तांत्रिक की मूर्तियां
भारत के सबसे पुराने मंदिरों में शुमार जीण माता का मंदिर दक्षिणमुखी माना जाता है। इस मंदिर की दीवारों पर तंत्रिका की मूर्तियां भी लगी गई हैं जो देखने लायक है। यह मूर्तियां यह बताता है कि कभी यह जगह तांत्रिकों की साधना का केंद्र भी बना हुआ था। इस मंदिर की अंदर जीण भगवती की आठ भुजा वाली मूर्ति है। पहाड़ के नीचे स्थित गुफा को मंडप गुफा के नाम से जाना जाता है।
मंदिर के भीतर आठ शिलालेख मौजूद
ऐसा कहा जाता है इस चमत्कारी मंदिर में महात्मा का तपोस्थान भी मौजूद है, जिसे श्रद्धालु धुना के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर की भीतर आठ शिलालेख है। ऐसा इतिहास बताया जाता है कि इसका निर्माण आठवी सदी में किया गया था।
एक राजघराने में हुआ था माता का जन्म
ऐसा कहा जाता है जीण माता ने राजस्थान के चूरू के घांघू गांव के एक राजघराने में जन्म लिया था। ऐसी मान्यता है कि माता को शक्ति का अवतार माना गया और भाई को शिव का रूप दिया गया था। कथाओं के अनुसार, एकबार दोनों के बीच लड़ाई हुई और मां ने इसी जगह आकर तपस्या की थी।
औरंगजेब की सेना दुम दबाकर भागी
मुगल के बादशाह औरंगजेब की सेना ने शेखावाटी के मंदिरों में तोड़फोड़ की तो जीण माता से गुहार लगाई। मां ने अपनी ताकत से चमत्कार करते हुए विशाल मधुमक्खियों की झुंड को उनके पीछे लगा दिया। मधुमक्खियों के काटने के बाद औरंगजेब की सेना दुम दबाकर भाग गई थी। स्थानीय लोग इसे माता का चमत्कार मानते हैं और बड़ी संख्या में दर्शन के लिए आते हैं।