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Joganiya Mata Mandir: जोगणिया माता मंदिर भीलवाड़ा और चित्तोड़गढ़ की सीमा पर स्थित है। इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां आपको मंदिर के बाहर हथकड़ियां लटकती हुई नजर आएंगी।

Joganiya Mata Mandir: राजस्थान में कई ऐसे प्राचीन मंदिर हैं, जहां लोग भगवान को कई प्रकार के भेंट चढ़ाते हैं, पर क्या आपने कभी ऐसे मंदिर के बारे में सुना है, जहां चोर या डाकू हथकड़ियां चढ़ाते हैं? नहीं ना तो आज हम आपको राजस्थान के जोगणिया माता मंदिर के बारें में बताएंगे, जो भीलवाड़ा और चित्तोड़गढ़ की सीमा पर स्थित है। इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां आपको मंदिर के बाहर हथकड़ियां लटकती हुई नजर आएंगी। इस मंदिर में अपराधी हथकड़ी चढ़ाकर दोबारा गलत काम ना करने का संकल्प भी लेते हैं। 

हाड़ाओं की कुलदेवी 

श्री जोगणिया माता को हाड़ाओं की कुलदेवी के रूप में देखा जाता है। लोक कथा के मुताबिक राव देवा की बेटी की शादी के समय राव देवा ने जोगणिया माता को आमंत्रित किया था और मां ने निमंत्रण स्वीकार कर उसे और उसकी बेटी को जोगण रूप में आकर दर्शन दिए थे। 

हथकड़ियां चढ़ाने की मान्यता 

भारत देश में माता के हर प्रमुख शक्तिपीठ की अपनी खास मान्यता है। राजस्थान के इस मंदिर में पिछले कई सालों से अपराधी इस मंदिर में आकर अपनी गुनाह कबूल करते हैं और आगे से नए जीवन की शुरूआत करने की मनोकामना मांगते है। नवरात्री के दौरान इस मंदिर में लाखों भक्त माता के दर्शन करने आते हैं। पुरानी मान्यताओं के मुताबिक माता का यह शक्तिपीठ कई सालों से घने जंगल से घिरा हुआ था। उस समय यह मंदिर चोर व डाकुओं का ठिकाना हुआ करता था। 

चोर और डाकुओं की इस मंदिर में गहरी आस्था थी। इसी कारण से ऐसा माना जाता है कि पकड़े जाने पर चोर और डाकू अपनी हथकड़ी इस मंदिर में माता को चढ़ाते थे। अपनी मनोकामना पूरी होने की वजह से अपराधी अपनी हथकड़ियां खोलकर जोगणिया माता के मंदिर में चढ़ाते थे। मंदिर के पुजारी ने जानकारी दी कि यह मंदिर प्राचीन शक्तिपीठ में से एक है। इस मंदिर के परिसर में चारों तरफ देवी-देवताओं की मूर्ती स्थापित की गई है। मंदिर के परिसर में जोगणिया देवियों के 64 स्वरूप की प्रतिमा भी स्थापित की गई है।

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