rajasthanone Logo
Mahakumbh 2025: महाकुंभ को लेकर सिर्फ देश में नहीं, बल्कि विदेशों में भी धूम है। महाकुंभ 12 साल में एक बार लगता है। इस बार का महाकुंभ मेला प्रयागराज में लगा है, चलिए आपको बताते हैं अगली बार यह मेला कहां लगेगा।

Mahakumbh 2025: महाकुंभ मेला सनातन धर्म और देश-दुनिया के सबसे बड़े संगमों में से एक है। यह सबसे महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक मेला माना गया है। महाकुंभ मेला यूपी के प्रयागराज में पौष पूर्णिमा 13 जनवरी यानी आज से शुरू हो चुका है। प्रयागराज में महाकुंभ त्रिवेणी संगम गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदी के संगम पर आयोजित किया जाता है। प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन प्रत्येक 12 साल के अंतराल पर लगता है। सबसे खास बात यह है कि महाकुंभ सिर्फ प्रयागराज में ही लगता है।

2028 में लगेगा अगला कुंभ का मेला

धार्मिक और ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, महाकुंभ मेले में शाही स्नान करने से व्यक्ति के सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही उन्हें सुख-सौभाग्य की प्राप्ति भी होती है। इस साल प्रयागराज में महाकुंभ 45 दिनों तक चलने वाला है। वैदिक पंचांग के अनुसार, अगले कुम्भ का आयोजन, साल 2028 में 27 मार्च से 27 मई तक उज्जैन में सिंहस्थ महापर्व पर आयोजन होगा। उज्जैन में कुंभ मेला का आयोजन बड़े ही विस्तार से किया जाएगा। साथ ही उज्जैन में लगने वाले कुंभ मेले में भी शाही स्नान होंगे।

साल 2028 में उज्जैन में सनातन धर्म का सबसे बड़े कुम्भ मेले का आयोजन होगा। इस महापर्व में 09 अप्रैल से 8 मई तक 3 शाही स्नान होंगे और 7 पर्व स्नान प्रस्तावित होंगे। बता दें कि उज्जैन में कुंभ मेले का आयोजन शिप्रा नदी के किनारे आयोजित किया जाता है। अनुमान लगाया जा रहा है कि उज्जैन कुंभ मेले में 14 करोड़ से अधिक श्रद्धालु शामिल हो सकते हैं। बता दें कि इससे पहले उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ मेले का आयोजन साल 2016 में हुआ था।

घर बैठ कर सकते हैं महाकुंभ के जल से स्नान

महाकुंभ आस्था का सबसे बड़ा महापर्व है, जिसमें स्नान का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि कुंभ स्नान करने से कई जन्मों के पाप धुल जाते हैं और देवी-देवताओं की कृपा मिलती है। साथ ही, दान पुण्य करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है। यदि आप महाकुंभ में जाकर स्नान नहीं कर पा रहे हैं, तो घर बैठे भी वही पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी के अनुसार, आप किसी रिश्तेदार, दोस्त या पड़ोसी से कुंभ का जल मंगवा सकते हैं और इसे अपने नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करें। महाकुंभ जल और प्रसाद भेजने के लिए कई एनजीओ और 'द त्रिवेणी संगम जल डिलीवरी सर्विस' भी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

ये भी पढ़ें:- नागा साधुओं का इतिहास: उनके रहस्यमयी जीवन की असली कहानी, आदि गुरु शंकराचार्य से जुड़ी है हिस्ट्री

5379487