Kaila Devi Temple : भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है। यहां हर राज्य हर क्षेत्र के पूजा स्थलों की अलग परंपरा है। यह परंपरा सैकड़ो साल से चली आ रही है। राजस्थान भी हमेशा से अपने अनूठे परंपरा के लिए जाना जाता रहा है। यहां के मंदिरों का इतिहास भी विश्व विख्यात है। राजस्थान में 300 साल पुराना एक शक्तिपीठ मंदिर भी स्थित है। इस मंदिर की खासियत आपको हैरान कर देगी। यहां प्रसाद चढ़ाने के लिए 18 महीने का लंबा इंतजार करना पड़ता है। राजस्थान के करौली में कैला माता मंदिर स्थित है। कैला माता मंदिर की एक खासियत यह भी है कि यहां प्रतिदिन छप्पन भोग लगाया जाता है। आइए जानते है इस खास मंदिर के बारे में....
भक्तों को भोग लगाने के लिए करना पड़ता है डेढ़ साल का इंतजार
कैला माता मंदिर की खासियत है कि मंदिर में 56 भोग चढ़ाने में भक्तों को 15 महीने से ज्यादा का समय का इंतजार करना पड़ता है। छप्पन भोग लगाने के लिए भक्तों को बुकिंग भी करानी पड़ती है। इसमें करीब डेढ़ साल से भी ज्यादा का वक्त लग जाता है।
भोग की मन्नत के कारण लगती है भक्तों की भारी भीड़
मंदिर 300 साल पुराना है। आस पास इलाकों में मंदिर काफी प्रसिद्ध है। दूर दूर से भक्त यहां मन्नत मांगने के लिए आते है। अगर किसी श्रद्धालु ने 56 भोग की मन्नत मांगी है तो उन्हें 15 महीने से ज्यादा का वक्त लगता है।
शुद्ध देशी घी की बनी मिठाइयां चढ़ती हैं
नियम के अनुसार मंदिर में हर दिन 56 भोग लगाया जाता है। इन छप्पन भोगों में शुद्ध देशी घी की बनी मिठाइयां होती है। जो 20 से 25 प्रकार की मिठाई होती है। 5 से 7 प्रकार का मावा,10,12 प्रकार की नमकीन,7 प्रकार के कच्चे और पके हुए खाद्य पदार्थ और मौसमी फलों का उपयोग भक्त चढ़ाने के लिए करते है।
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