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Khatu shyam mela 2025 : साल में एक ऐसा भी दिन आता है कि जब बाबा के भक्त बाबा का खजाना लूट ले जाते हैं। हर साल फाल्गुन महीने में लगने वाले बाबा खाटू श्याम मेले में एक अनोखी परंपरा होती है।

Khatu shyam mela 2025 :आमतौर पर आपने सुना होगा कि भक्त भगवान को भक्ति भाव से दान देते हैं, लेकिन कभी आपने ऐसी परंपरा के बारे में सुना कि भक्त भगवान का खजाना लूट रहे हो। राजस्थान के सीकर जिले में स्थित बाबा खाटू श्याम दुनिया भर के अपने भक्तों को धन दौलत सुख समृद्धि प्रदान करते हैं। लेकिन साल में एक ऐसा भी दिन आता है कि जब बाबा के भक्त बाबा का खजाना लूट ले जाते हैं। हर साल फाल्गुन महीने में लगने वाले बाबा खाटू श्याम मेले में एक अनोखी परंपरा होती है। जब भक्त बाबा का खजाना लूटते हैं। इस परंपरा को सदियों पहले से निभाया जा रहा है।

भक्त पहले बाबा श्याम संग खेलते है होली

बाबा श्याम के लक्खी मेले के समापन के बाद श्याम भक्त धुलण्डी पर रंग गुलाल के साथ होली खेलते हैं। मेले के बाद भक्त धुलण्डी का इंतजार करते हैं। इसके लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं। धुलण्डी को लेकर उनके अंदर काफी उत्साह देखने को मिलता है। देश भर से आए श्याम भक्तों मेला समाप्त होने के बाद धुलण्डी के लिए यही रुक जाते हैं।

धूलण्डी के दिन खाली होता है बाबा श्याम का खजाना 

धूलण्डी के मौके पर बाबा श्याम का खजाना भक्तों में लुटाया जाता है। धूलण्डी को सुबह से दोपहर तक भक्त होली खेलते हैं। इसी दिन शाम को विशेष फूलडोल आरती की जाती है। आरती के बाद भक्तों को प्रसाद के रूप में बाबा को चढ़ाए हुए सिक्कों को दिया जाता है। भक्त जाते समय बाबा श्याम का खजाना अपने साथ लेकर जाते हैं । भक्त सिक्के को व्यापार के गले और तिजोरियों में रखते हैं।उनका मानना है कि इसको तिजोरी में रखने से धन और समृद्धि की वृद्धि होती है। इसी को बाबा श्याम का खजाना कहा जाता है इसी को लेने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है । ​

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