Hanuman Jayanti 2025: हर साल हनुमान जंयती चैत्र पूर्णिमा के मौके पर हर्षोल्लास से पूर देश में मनाई जाती है, इस दिन भारत के प्राचीन हनुमान मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। इस खास मौके पर लोग मंदिरों व घरों में लोग सुंदरकांड, हनुमान चालीसा के पाठ करते है। आज इस लेख में हम आपको राजस्थान के पांच ऐसे प्रसिद्ध हमुमान मंदिरों के बारे में बताएंगे, जहां लोगो की सबसे अधिक आस्था है।
1. श्री सालासर बालाजी मंदिर
राजस्थान के चूरू जिले में स्थित श्री सालासर बालाजी का भव्य मंदिर स्थित है, पूरे साल देश-विदेश से हनुमान भक्त बालाजी के दर्शन करने पहुंचते है। यहां भगवानजी की भव्य मूर्ति सोने के सिंहासन पर विराजमान है।
मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के मुताबिक मना जाता है कि राजस्थान के असोता गांव में कई सालों पहले एक किसान को हनुमान जी की मूर्ति मिली थी। इसके बाद वहां के जमींदार को भी भगवान हनुमान ने सालासर में मंदिर स्थापित करने का आदेश दिया था। जिसके बाद यहां मंदिर की स्थापना की गई।
2. श्री मेहंदीपुर बालाजी महाराज मंदिर
राजस्थान के दौसा जिले में सिकंदरा के पास स्थित मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का मान्यता देश-विदेश तक फैली हुई है। सालाना लाखों भक्त यहां हनुमानजी के दर्शन करने आते है। यहां हनुमानजी बालक यानी बाल रूप विराजमान है।
मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा
माना जाता है कि पहले ये मंदिर का इलाका एक घना जंगल था, जहां श्री महंत जी के पूर्वज बालाजी की पूजा-अर्चना करते थे। एक दिन भगवान ने उन्हें सपने में मंदिर के निर्माण का आदेश दिया था। तभी से मेहंदीपुर बालाजी का भव्य मंदिर बनाया गया।
3. श्री खोले के हनुमानजी मंदिर
राजधानी जयपुर में दिल्ली रोड पर अरावली की पहाड़ियों के बीचो-बीच स्थित श्री खोले के हनुमान जी का मंदिर देश के प्रमुख मंदिरों में से एक है। माना जाता है कि यहां भगवान के दर्शन करने से संतान सुख की प्राप्ती होती है।
मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा
एक कथा के मुताबिक इस निर्जन स्थान पर एक साहसी ब्राह्मण पंडित राधेलाल चौबे ने लेटे हुए हनुमानजी की भव्य मूर्ति की खोज की थी। साथ ही इसी जगह पर श्री हनुमान जी की सेवा-पूजा करनी शुर कर दी थी। तभी से यहां भगवान का तीन मंजिला विशाल मंदिर बनवाया गया।
ये भी पढ़ें:- Ravana Temple: राजस्थान के अनोखे रावण मंदिर में दशहरे पर शोक, मान्यताओं के अनुसार दर्शन से दूर होती हैं बीमारियां
4. श्री वीर हनुमान मंदिर
जयपुर के सामोद वीर हनुमानजी का मंदिर देश के प्रसिद्ध मंदिरों में शुमार है। यहां भक्तों को भगवान के दर्शन करने के लिए लगभग 1100 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। मान्यता है कि यहां मांगी गई सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा
मंदिर के मंहत के मुताबिक माना जाता है कि इस मंदिर स्थापना के लिए खुद हनुमानजी ने ही आकाशवाणी की थी। समोद हनुमानजी के श्रद्धालु बताते है कि करीब 600 साल पहले पूर्व संत नग्नदास और उनके शिष्य लालदास सामोद पर्वत पर तपस्या करने पहुंचे थे। तभी उन्होंने आकाशवाणी सुनी- " मैं यहां वीर हनुमान के रूप में प्रकट होऊंगा।" जिसके बाद भगवान ने उन्हें दर्शन दिए और हनुमानजी की मूर्ति का आकार दे दिया। इसके बाद इस स्थान पर भगवान का भव्य मंदिर बनवाया गया।
5. श्री काले हनुमान जी मंदिर
जयपुर में काले रंग की हनुमान जी प्रतिभा की पूजा की जाती है। यह मंदिर हनुमान जी का तंत्र आधार के लिए जाना जाता है। मान्यता है कि यहां ऊपरी बाधाएं, बंधन और नजर जैसे दोष ठीक हो जाते है।
मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा
पौरणिक कथा के अनुसार शिक्षा-दीक्षा पूरी कर हनुमान जी ने अपने गुरु सूर्यदेव से दक्षिणा मांगने की इच्छा जताई थी। इसके बाद सूर्यदेव ने हनुमान जी से कहा था कि उनका बेटा शनिदेव कभी उनकी बात नहीं सुनता है, यदि वे शनिदेव को उनके पास ले आएंगे तो यही उनके लिए गुरु दक्षिणा होगी। गुरू का आदेश मानकार हनुमान जी शनिदेव के पास पहुंच गए। जिसके बाद शनिदेव हनुमान जी पर क्रोधित हो गए और उनपर अपनी कुदृष्टि डाल दी, जिससे भगवान का रंग काला पड़ गया।
जिसके बाद भी हनुमान जी शनिदेव को सूर्यदेव के पास ले गए, भगवान की गुरुभक्ति को देखते हुए शनिदेव ने उन्हें वचन दिया कि शनिवार के दिन जो भी हनुमान जी की उपासना करेगा। उस पर उनकी वक्रदृष्टि का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, तभी से काले हनुमान जी की पूजा की जाती है।