Ranthambore Trinetra Ganesh Mandir: माता आदिशक्ति और भोलेनाथ के पुत्र भगवान श्री गणेश की भारत में कई मंदिर हैं। पूजा-अर्चना के दौरान इनकी सबसे पहले पूजा होती है। राजस्थान के सवाई माधोपुर का त्रिनेत्र मंदिर काफी मशहूर है। ये मंदिर रणथंभौर के किले के अंदर है। यहां के गणेश जी को भारत का प्रथम विनायक माना जाता है।
ऐसे सुनते हैं बप्पा भक्तों की मुराद
त्रिनेत्र गणेश मंदिर की एक और सबसे बड़ी खासियत है। इस मंदिर में भक्तों द्वारा सच्ची मन से मांगी हुई सारी मुरादें पूरी होती है। यहां पर कोई मंगल कार्य से पहले निमंत्रण पत्र दिया जाता है। भक्त अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए भगवान को अर्जी भी लगाते हैं। सभी के मनोकामना पत्र और निमंत्रण मंदिर में पहुंचते हैं। ये मंदिर में पहुंचकर भगवान गणेश के चरणों में अर्पण करते हैं।
जानिए इस मंदिर का इतिहास
इस प्रसिद्ध मंदिर का इतिहास 1299 से जुड़ा है, जब रणथंभौर किले के अंदर राजा हमीर और अलाउद्दीन खिलजी के बीच युद्ध हुआ था। राजा हमीर भगवान गणेश के प्रबल भक्त थे और युद्ध के दौरान भी भगवान गणेश की पूजा करना कभी नहीं भूलते थे। एक दिन, भगवान गणेश राजा हमीर के सपने में आये और उनसे कहा कि सुबह तक वह उन सभी परेशानियों से मुक्त हो जाएंगे। सुबह आश्चर्यजनक रूप से किले की एक दीवार पर भगवान गणेश का प्रतीक दिखाई दिया। इससे भी अधिक आश्चर्य की बात यह थी कि युद्ध अचानक अपने आप समाप्त हो गया।
इतनी बार होती है आरती
दुनियाभर से लोग इस मंदिर में गणेश भगवान के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। इस मंदिर में मुख्य रूप से 5 आरती होती है। सबसे पहली आरती सुबह की प्रभात आरती होती है, उसके बाद श्रृंगार आरती सुबह 9 बजे को होती है। दोपहर के 12 बजे भोग आरती का आयोजन होता है। शाम को गरमी के दौरान यहां पर संध्या आरती 6.30 बजे होती है, वही ठंडी की मौसम में शाम 5.45 बजे को ही आरती होती है। दिन का आखिरी आरती रात के 8 बजे को शयन आरती से खत्म होता है।
जानें यह मंदिर आप कैसे आ सकते हैं
इस मंदिर में भक्त हवाई, सड़क और ट्रेन मार्ग से पहुंच सकते हैं। हवाई मार्ग से भक्तों को सवाई माधोपुर एयरपोर्ट पर आना होगा, वहां से आप टैक्सी से इस मंदिर में पहुंच सकते हैं। सड़क मार्ग से भी भक्त यहां आसानी से पूछ सकते हैं। ट्रेन मार्ग से भी यहां भक्त सवाई माधीपुर रेलवे स्टेशन तक पहुंच सकते हैं।
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