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Mahakumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ मेले की शुरुआत 13 जनवरी से ही हो चुकी है। इसको लेकर सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी गूंज है। आज हम आपको महाकुंभ में तैयारियों का पूरा ब्यौरा बताने वाले हैं।

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ मेले की शुरुआत हो चुकी है, जो कि 26 फरवरी तक चलने वाला है। इस मेले की सुरक्षा के लिए 50,000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई और हाई-टेक उपकरण जैसे ड्रोन कैमरे और सीसीटीवी कैमरे लगाकर पूरे महाकुंभ स्थल की निगरानी की गई। लोगों की उत्साह और उमड़ती भीड़ को ध्यान में रखते हुए योगी आदित्य नाथ ने सिर्फ महाकुम्भ के लिए एक नया जिला भी बना दिया। 

45 करोड़ लोग लगाएंगे डूबकी

इस बार महाकुंभ में करीब 45 करोड़ लोगों के डुबकी लगाने का अनुमान है। महांकुंभ मेले के स्थान को कुल 25 सेक्टरों में बांटा गया है। प्रशासन की ओर से संगम तट पर कुल 41 घाट तैयार किए हैं, इनमें से 31 घाट अस्थायी हैं, जबकि 10 पक्के घाट हैं। इसके लिए एक अस्पताल भी बनाया गया है, जो कुंभ में आने वाले लोगों के लिए है। स्नान करते समय कोई डूब नहीं जाए, इसके लिए 300 गोताखोर हमेशा तैयार रहेंगे। 

3000 चलाई गई स्पेशल ट्रेनें

जिस मेले में करोड़ों लोग हिस्सा लेंगे, वहां लोग खो भी सकते हैं, इसके लिए बिजली के खंभों पर 50 हजार से अधिक क्यूआर कोड लगाए गए हैं, जिससे लोग अपनी लोकेशन पता कर सकेंगे। भारतीय तो इस मेले में हिस्सा लेने के लिए उत्साहित हैं ही, इसके अलावा 15 लाख विदेशी पर्यटक के भी इस मेले में आने का अनुमान लगाया जा रहा है। देशभर में सिर्फ महाकुंभ को ध्यान में रखते हुए 3000 स्पेशल ट्रेंनें चलाई जा रही है, जो कि 13 हजार से अधिक फेरे लेंगे। इस मेले में 10 लाख लोगों के ठहरने की भी व्यवस्था की गई है, जिसमें पेड और अनपेड दोनों सर्विस उपलब्ध होंगे। इसके अलावा प्रयागराज में 204 गेस्ट हाउस, 90 धर्मशाला समेत कई ऐसी व्यवस्थाएं हैं, जिसके पहली बार इस बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। 

सरकारी राजस्व में होगा इतने करोड़ का मुनाफा

इतना ही नहीं, महाकुंभ मेले को लेकर एक ऐप भी बनाया गया है, जहां आपको इससे संबंधित सारी जानकारी मिल जाएगी, जो गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। इस ऐप का नाम Maha Kumbh Mela 2025 है। अगर आपको हेलीकॉप्टर की सवारी कर मेले घूमने का मन है, तो यह व्यवस्था भी उपलब्ध कराई गई है। अधिकारियों की मानें त इस महाकुंभ मेले से सरकारी राजस्व में 25 हजार करोड़ रुपये का मुनाफा होने वाला है, इससे आप अनुमान लगा सकते हैं, यह प्रदेश की उन्नती के लिए कितना सार्थक है।

20 हजार से अधिक सफाईकर्मी तैनात

प्रयागराज में नए पुलों का निर्माण किया गया और स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम की मदद से यातायात की निगरानी की गई। साथ ही, श्रद्धालुओं के लिए विशेष रूट भी निर्धारित किए गए हैं। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए 500 से ज्यादा एम्बुलेंस तैनात की गईं, और हर क्षेत्र में मेडिकल कैंप लगाए गए। लाखों श्रद्धालुओं के बावजूद शहर में स्वच्छता बनाए रखने के लिए 20,000 से अधिक सफाईकर्मी तैनात किए गए थे। 

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाइव अपडेट

जल और पर्यावरण संरक्षण के तहत नदियों की सफाई और जलप्रदूषण नियंत्रण पर भी विशेष ध्यान दिया गया। श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा प्रदान की गई, और महाकुंभ के पूरे आयोजन का लाइव अपडेट सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर किया गया। इसके माध्यम से श्रद्धालुओं को आयोजन से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सकी। टीवी, रेडियो, और सोशल मीडिया के माध्यम से महाकुंभ की महिमा और आयोजन की महत्वता को प्रचारित किया गया।

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