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Maleshwar Mahadev Mandir: अरावली पर्वत श्रृंखला के पास स्थित सामोद नामक कस्बे के कलां गांव में स्थित मालेश्वर महादेव मंदिर की शिवलिंग साल में दो बार, यानि हर 6 महीने बाद अपना झुकाव बदल देती है।

Maleshwar Mahadev Mandir: राजस्थान में कई शिव मंदिर मौजूद है, जो अपने अनोखे चमत्कार के लिए पूरी दुनिया में जाने जाते है। ऐसा ही एक शिव मंदिर अरावली पर्वत श्रृंखला के पास स्थित सामोद नामक कस्बे के कलां गांव में बना हुआ है। इस मंदिर के अंदर ऐसी शिवलिंग जो सूर्य की गति के मुताबिक साल में दो बार यानी हर 6 महीने बाद अपना झुकाव बदल देती है। मालेश्वर महादेव मंदिर के नाम से मशहूर यह मंदिर हिंदू धर्म की आस्था का प्रतीक है। 

सूर्य की गति से चलती है शिवलिंग 

यह अनूठा महादेव मंदिर राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब 40 किमी की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर की महिमा का अंदाजा यहां आए हजारों भक्तों से लगाया जा सकता है। खास बात यह है कि जिस प्रकार सूरज साल में छह महीने उत्तर दिशा में रहता उसी समय शिवलिंग का झुकाव उत्तर की ओर रहता है, वहीं बाकी के छह माह दक्षिण दिशा की ओर दिखाई देता है। माना जाता है कि शिवलिंग सूर्य की गति के मुताबिक अपना झुकाव रखती है।  

मुगल सैनिक भी नहीं कर पाए थे नष्ट 

मंदिर के पुजारी के अनुसार इस मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है। उन्होंने बताया कि मुगल काल के दौरान औरंगजेब के आदेश पर मुगल सेना को यहां शिवलिंग तोड़ने के लिए भेजा गया था। लेकिन मधुमक्खियों के हमले के कारण वे इस शिवलिंग को हाथ भी नहीं लगा पाए थे। उस समय शेष शैया पर तोड़ी गई लक्ष्मीजी और भगवान नारायण की खंडित मूर्ति आज इस मंदिर में मौजूद है।  

भगवान परशुराम ने यही की थी तपस्या 

पौराणिक कथा के अनुसार राजा सहस्त्रबाहु ने जगदम्नी नामक ऋषि के आश्रम पर हमला कर उनके आश्रम को नष्ट कर दिया था। इस बदला लेने के लिए उनके पुत्र परशुराम ने राजा सहस्त्रबाहु को मार दिया था और उनके वंश को खत्म करने की आकाशवाणी के मुताबिक उन्होंने इसी मंदिर की शिवलिंग के पास बैठकर भगवान शिव की तपस्या की थी।

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