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Mewad Dham: राजस्थान में स्थित चार धाम यात्राओं में मेवाड़ जिला काफी प्रसिद्ध है। किस जिलों में कई सारे ऐसे धार्मिक स्थल हैैं, जहां जाने के बाद आपको काफी आनंद आएगा।

Mewad Dham: राजस्थान में स्थित मेवाड़ एक ऐसी जगह है, जो अपनी प्रमुख धार्मिक स्थलों के लिए जाना जाता है। वैसे तो यहां कई सारे देवी देवताओं की मूर्तियां और मंदिर स्थापित है, लेकिन यहां पर स्थित कुछ ऐसी जगह है, जो पूरे विश्व भर में विख्यात है। यहां पर देश के प्रसिद्ध चार कृष्ण धाम स्थित है।  

इन चारों धामों में से तीन राजसमंद जिले में स्थित है, तो वहीं एक चित्तौड़गढ़ में मौजूद है। दिन में राजसमंद के नाथद्वारा में प्रभु श्रीनाथजी, चारभुजा में श्री चारभुजा गठबोर एवं कांकरोली मैं श्री द्वारकाधीश मंदिर है। चित्तौड़गढ़ के मंडफिया में श्री सांवरिया सेठ का मंदिर स्थित है। इस जगह पर दूर देश-विदेश से लोग दर्शन करने आते हैं और धर्म को सफल बनाते हैं। नाथद्वारा एवं द्वारकाधीश में कई बड़ी-बड़ी गौशालाएं भी स्थापित हैं। 

श्रीनाथजी द्वारा, राजसमंद 

मेवाड़ जिले से 16 किलोमीटर दूर उदयपुर मार्ग पर श्रीनाथजी का मंदिर स्थापित है। इसका इतिहास काफी पुराना बताया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि 17 में शताब्दी में मुगल उत्तर भारत में धार्मिक स्थलों पर आक्रमण कर रहे थे उस समय प्रभु श्रीनाथजी को सुरक्षित स्थान की खोज की गई। यहां पर आने में आपको काफी आनंद आएगा और इस जगह को देखने के बाद आप धन्य हो जाएंगे। 

श्री द्वारिकाधीश जी, कांकरोली 

राजसमंद जिले के राजसमंद झील के पास श्री द्वारिकाधीश जी का मंदिर स्थापित है। इन्हें श्रीनाथजी के बड़े भाई के रूप में मान्यता प्राप्त है। इन्हें भी 17 में शताब्दी में मुगलों के द्वारा आक्रमण करवाया गया था, जिसके बाद यहां पर यह स्थापित किया गया। यहां पर मंदिर के दर्शन करने के लिए लोग दूर देश से आते हैं और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यदि आप भी यह चार धाम यात्रा पर आने का विचार कर रहे हैं तो इस जगह पर जरूर आए। 

श्री चारभुजा गढ़बोर, चारभुजा 

राजसमंद जिले का चारभुजा में स्थित चारभुजा का मंदिर काफी प्रसिद्ध है। या मंदिर गोमती नदी के तट पर स्थित है जो करीब 5200 वर्ष पुराना बताया जाता है। इसे लेकर बताया जाता है कि द्वापर युग में पांडवों ने वनवास के दौरान गोमती नदी के किनारे चार भुजा वाले प्रतिमा बनाकर यहीं पर पूजा की थी। इसके बाद पांडवों ने प्रतिमा को जल में प्रवाहित कर दिया था। इस जगह पर आने के बाद काफी ज्यादा आनंद आएगा। यहां पर आने के बाद आपको धार्मिक वातावरण देखने को मिलेगा।

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