Narsingh Temple: भगवान नरसिंह विष्णुजी के अवतार के रूप में पूजे जाते हैं। नरसिंह भगवान के हजारों मंदिर भारत में स्थित है, इन्हीं मंदिरों में से एक माना जाता है राजस्थान के झुंझुनूं का नरसिंह मंदिर। मान्यता है कि सूर्यदेव भगवान खुद आकर इस मंदिर में भगवान नरसिंह का अभिषेक करते हैं।
हिरण्यकश्यप के वध के बाद इस कुंड में धोए थे हाथ
बता दें कि यह मंदिर खरकड़ा गांव की पहाड़ी पर बाघेश्वर धाम तीर्थ स्थल के मार्ग पर बना हुआ है। यहां के पुजारी का कहना है कि यह मंदिर सतयुग कालीन माना जाता है। इस मंदिर से जुड़ी कथा के मुताबिक इस स्थान पर भृगु ऋषि ने तपस्या की थी और भक्त प्रहलाद की जान बचाने और हिरण्यकश्यप को मारने के लिए भगवान विष्णु ने नृसिंह का अवतार लिया था और इसी रूप में भृगु ऋषि को दर्शन दिए थे।
मान्यता है कि हिरण्यकश्यप के वध के बाद भगवान ने यहां अपने नाखूनों से एक कुंड का निर्माण किया था और इसी कुंड में अपने हाथ और शरीर को साफ किया था। 52 स्तंभ पर बना यह मंदिर करीब 900 साल पुराना है, जिसे मुगल काल के दौरान औरंगजेब ने ध्वस्त कर दिया था।
सूर्य देव करते हैं अभिषेक
इस 400 साल पुराने मंदिर को हसामपुर डाबला सीकर के एक परिवार ने पुर्न स्थापित कराया था, जिनकी सातवीं पीढ़ी आज तक मंदिर की पूजा और आरती करती आ रही है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण इस प्रकार किया गया है जिससे सूर्य देव की पहली किरण उत्तरायण और दक्षिणायण की ओर से भगवान पर पड़ती है, जिससे प्रतीत होता है कि भगवान सूर्व देव भगवान का अभिषेक कर रहे है। दूर-दूर से लोग यहां भगवान के दर्शन करने आते हैं। मान्यता है जो भी यहां आकर भगवान के आगे सिर झुकाता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।