rajasthanone Logo
Navratri Special: राजस्थान की राजधानी जयपुर से क़रीब 90 किलोमीटर दूर विराट नगर कस्बे में अंबिका माता मंदिर स्थित है, जो कि शक्ति के 52 शक्तिपीठ में से एक है। इस मंदिर में नवरात्रि के नौ दिन देशभर से लाखों श्रध्दालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

Navratri Special: आज यानी 30 मार्च 2025 को चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है, इस दिन से चैत्र नवरात्र की शुरूआत मानी जाती है। राजस्थान की राजधानी जयपुर से क़रीब 90 किलोमीटर दूर विराट नगर कस्बे में अंबिका माता मंदिर स्थित है, जो कि शक्ति के 52 शक्तिपीठ में से एक है। इस मंदिर में नवरात्रि के नौ दिन देशभर से लाखों श्रध्दालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। यह मंदिर राजस्थान ही नहीं बल्कि देश के प्रसिध्द तीर्थ स्थलों में से एक है।
कितने साल पुरानी है मंदिर?
आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) ने इस मंदिर में काफी शोध किया। यहां खुदाई में प्राचीन काल के स्कल्पचर, सिक्के, धातु की अन्य सामग्रियां प्राप्त हुई हैं। इसके साथ ही मंदिर में आदिमानव काल की कई पेंटिंग्स भी मिली हैं। जिससे पता चलता है कि ये मंदिर हजारों साल पूरानी है।
52 शक्तिपीठ में से एक है ये मंदिर
मां अंबिका शक्तिपीठ को देवी पुराण के 51 शक्तिपीठों में से 41 वां शक्तिपीठ माना जाता है। माना जाता है कि यहां जब देवी सती हुई थी उस समय उनके बाएं पैर की 4 ऊंगालियां गिरी थी। जहां - जहां शक्ति के अंग गिरे थे उन्हें शक्तिपीठ कहा जाता है यही कारण है कि इस मंदिर को मां अंबिका शक्तिपीठ कहा जाता है। इसके साथ ही इस मंदिर को  मनसा माता मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
महाभारत काल से भी है संबंध
मान्यता है कि इसी स्थान पर पांडवों ने अपने अज्ञातवास का समय व्यतीत किया था। मंदिर के पास में भीम की डूंगरी बनी है जहां भीम गट्टों से भीम खेला करते थे। जह भी कहा जाता है कि इस भूमि पर स्वयं भगवान श्रीकृष्ण भी आए थे।

और पढ़ें...Jaipur News: जयपुर में बन रहा भव्य मोक्षधाम, प्रवेश करते ही दिख जाएंगे भगवान शिव, जानिए इसकी विशेषताएं
आने वाले संकट से सचेत कर देती हैं माता रानी
मान्यता यह भी है कि प्राचीन काल में जब भी इस गांव संकट आने वाला होता था तो माता रानी ग्रामीणों को सचेत कर देती थी। लोगों का मानना है कि आज भी मां अंबिका ऐसा करती हैं। बताते चलें मां अंबिका को काली के समान पूजा जाता है।

5379487