Pandav Caves Mount Abu: राजस्थान अपनी संस्कृति और रहस्यमई जगहों के लिए विश्वभर में विख्यात है। यहीं माउंट आबू के देलवाड़ा क्षेत्र में एक बहुत ही पुरानी गुफा मिली है। इस गुफा को लेकर यह बताया जाता है कि पांडवों ने अज्ञातवास के समय में यहीं पर अपनी माता कुंती के साथ तपस्या की थी।
यह गुफा पांडवों के नाम से भी जानी जाती है। यह गुफा रसिया बालम और कुंवारी कन्या मंदिर से आगे आग्नेश्वर महादेव मंदिर मार्ग के पास स्थित है। यहां पर एक प्राकृतिक झरना भी है, जिसके पास एक पुराना मंदिर भी बना हुआ है। इस जगह को लेकर ऐसी मान्यता है कि पांडवों ने खुद इन शिवलिंगों की स्थापना की थी और उनकी पूजा सभी एक साथ किया करते थे।
माता कुंती करती थी माता चामुंडा की पूजा
यहां पर पांडवों की माता कुंती चामुंडा माता की पूजा करती थीं। इस गुफा के पास एक कक्ष भी बना हुआ है, इसके साथ ही पहाड़ी के नीचे एक अन्य स्थान पर भी एक गुफा है, जहां पर माता कुंती रहती थीं। इस गुफा में अब साधुओं का आश्रम होता है। इस मंदिर परिसर में हनुमान जी और नंदी के स्वरूप भी मौजूद हैं। इसकी खासियत यह है कि यहां पर हनुमान जी की मूर्ति नहीं है, बल्कि एक पठार पर हनुमान जी का चित्रण किया गया है। इसके अलावा एक पहाड़ पर नंदी के स्वरूप को भी अंकित किया गया है। इस क्षेत्र में एक कुंड भी है, जिसमें पानी भरा रहता है।
5 हजार साल पुराना है यह गुफा
इस मंदिर के इतिहास को लेकर यह बताया जाता है कि यह करीब 5 हजार वर्ष पुराना बताया जाता है। यह सालों तक विलुप्त था, जिसका जीर्णोद्वार महंत रत्नगिरि महाराज ने कराया था। इस मंदिर परिसर में उनकी समाधि और मूर्ति भी स्थापित की गई है। यह जगह अब देश के कोने कोने से आने वाले साधु संतों का रहने का जगह बना हुआ है। इस जगह पर भक्त लोग बहुत दूर दराज से आते हैं। माउंट आबू में मिले इस पांडु गुफा को इतिहास को फिर से जीवित कर दिया है। रहस्यों से भरा यह गुफा पुरानी शिव मंदिर और पत्थरों में कुल 33 कोटि देवी देवता का निवास स्थान इस जगह को और भी आकर्षण का केंद्र बनाता है।