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Rajasthan Suniya Fair: वर्तमान में देश ही नहीं, दुनियाभर में महाकुंभ मेले को लेकर धूम है। लेकिन क्या आपको पता है कि राजस्थान में महाकुंभ मेले जैसा ही एक मेला लगता है, जिसे सुंईया मेला कहते हैं।

Rajasthan Suniya Fair: राजस्थान मे हर साल बहुत मेले लगते हैं, लेकिन कुछ ऐसे मेले होते हैं, जो कई सालों के बाद ही लगते हैं, जिसमें लाखों की संख्या में दर्शनार्थी दर्शन करने आते हैं। ऐसे ही मेलों में एक मेला अर्ध्र्दकुंभ सुंईया है, जिसमें 7 साल के बाद 12 घंटे स्नान करने का योग बना है। यह मेला राजस्थान के बाड़मेर के चौहटन कस्बे में लगने वाला दो दिवसीय मेला है। यह मेला पौष कृष्ण पक्ष की अमावस्या को लगता है। इसे मारवाड़ का अर्द्धकुंभ भी कहा जाता है। महाकुंभ मेले की तरह ही इस मेले में भी स्नान करने के लिए लाखों लोगों की भीड़ लगती है।

5 किलोमीटर दूर से पैदल आते हैं लोग

बाड़मेर में लगने वाला यह मेला आखिरी बार साल 2024 में  29 और 30 दिसंबर को लगा था। यह मेला 7 साल में एक बार लगता है। इस मेले में सभी भक्तजन सुबह सुंईया , विष्णु पगालिया व कपालेश्वर मंदिर की तरफ नाचते गाते जाते हैं। इस वजह से वहां जाने वाले अधिकतर रास्ते में एक दिन पहले ही जाम लग जाता है। दर्शन के लिए भक्तजन दूर-दूर से पैदल चलकर आते हैं, जिस कारण रास्ते में 5 किलो मीटर दूर तक लोगों की भीड़ दिखाई देती हैं। भीड़ लगने के कारण वाहनों के लिए अलग रास्ते खोले जाते हैं।

सुंईया मेले में रात्रि का दृष्य

इस मेले में मंदिर को तो सजाया ही जाता है, लेकिन उसके साथ उसके आस-पास के स्थानों को भी लाइटों से सजाया जाता है, जिससे रात में दर्शन करने वाले भक्तों को कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े। ये मंदिर पहाड़ी पर होने की वजह से रात को इसका दर्श्य ओर ज्यादा मनमोहक लगता है। मेले के एक दिन पहले भक्तों के द्वारा भजनों की तैयारी की जाती है। इस भजन  कार्यक्रम को रूमा फाउंडेशन, चेतना संस्थान व ग्रामीण विकास द्वारा मैदान में आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम में भक्तों द्वारा संतो की वाणी सुनने के लिए भीड़ उमड़ पड़ती है और इन भजनो को सुनकर भक्त मंत्र मुग्ध हो जाते हैं। 

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