Sundha Mata Temple: राजस्थान देश का एक ऐसा राज्य है, जो अपने गौरवशाली इतिहास को लेकर जाना जाता है। राजस्थान में कई ऐसे ऐतिहासिक किले, मंदिर और इमारत हैं, जो यहां के इतिहास को दर्शाता है। यहां के वीर योद्धा महाराणा प्रताप के बारे में आपने जरूर सुना होगा। राजस्थान के भीलवाड़ा में एक सुंधा माता का मंदिर है, जहां खुद महाराणा प्रताप ने शरण लिया था। यह मंदिन 900 साल पुराना है, चलिए आपको इस मंदिर की कहानी और इसका इतिहास बताते हैं।
मंदिर के आसपास का शांत है वातावरण
सुंधा माता का मंदिर भीलवाड़ा के सुंधा पहाड़ी पर स्थित है। इस मंदिर में सुंधा माता की पूजा की जाती है, जो कि भक्तों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय है। इस मंदिर का दार्शनिक महत्व के साथ धार्मिक महत्व भी है। स्थानीय लोग काफी श्रद्धा के साथ यहां आते हैं। हर साल इस मंदिर के पास मेले का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों का तांता लगता है। मंदिर का वातावरण शांति प्रिय है और हमेशा भक्ति से भरा रहता है, यही इस स्थाल को अद्वितीय बनाता है।
महाराणा प्रताप ने ली थी शरण
इस मंदिर का इतिहास काफी सुनहरा रहा है। यह मंदिर महाराणा प्रताप से भी जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि महाराणा प्रताप ने अपने युद्ध के दौरान इस स्थान पर सुंधा माता की पूजा की थी और यहां शरण भी लिया था। यह मंदिर महाराणा प्रताप की वीरता और धर्म के प्रति श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है। यह भी कहा जाता है कि महाराणा प्रताप ने कठिनाइयों के समय इस देवी की शरण ली थी और उनकी प्रेरणा से कई बड़े युद्धों में जीत हासिल की थी। सुंधा माता मंदिर का निर्माण करीब 900 साल पहले हुआ था। यह मंदिर राजस्थानी संस्कृति और वास्तुकला का बड़ा उदाहरण पेश करता है।
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