Ekligngaji Temple: राजस्थान एक ऐसा राज है, जहां आप किसी भी कोने में चले जाओ आप कभी बोरिंग फील नहीं करेंगे। यहां के किसी भी शहर में घूमने के बाद आपको बहुत मजा आएगा। जोधपुर जयपुर जैसलमेर जैसे बड़े शहरों में घूमने के बाद आपको एक अलग ही अनुभव मिलेगा। यहां पर घूमने के लिए देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं।
राजस्थान का उदयपुर भी एक बहुत बड़ा पर्यटन स्थल है जहां झीलों का आकर्षण देखने लायक होता है। यह शहर चारों ओर से अरावली पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इस शहर में स्थित एकलिंग जी मंदिर प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से इस प्रसिद्ध मंदिर के बारे में बताएंगे।
मंदिर का इतिहास है बहुत पुराना
उदयपुर में स्थित एकलिंग जी का मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। यह भारत की सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक माना जाता है। इस मंदिर का निर्माण 734 ईस्वी में बप्पा रावल के द्वारा करवाया गया था। यह मंदिर एक चार मुखी मूर्ति के चलते पूरे विश्व भर में प्रसिद्धहै। ऐसा कहां जाता है कि एक लिंग जी मंदिर मेवाड़ शासको के देवता रहे हैं। कई लोगों का ऐसा मानना है कि 15 में शताब्दी के दौरान इस मंदिर को लूटने के कई प्रयास भी किए गए। इसके चलते इस मंदिर को बड़े-बड़े आक्रमण सहने पड़े लेकिन बाद में इसका पुनर्निर्माण करवाया गया।
पिरामिड शैली में बनाया गया है मंदिर का छत
उदयपुर की एकलिंग जी मंदिर का वास्तुकला काफी शानदार है। क्या दो मंजिला मंदिर है, जिसे पिरामिड शैली में बनाया गया है। इस मंदिर के मध्य में काले संगमरमर से बनी एकलिंगजी की चार मुखी एक मूर्ति है। इस मंदिर में भगवान शिव जी के प्रतिमा करीब 50 फीट ऊंची है। इस मंदिर की दीवारों पर भी कलाकृतियों का संगम लगा हुआ है।
इस मंदिर में दर्शन करने का समय
यदि आप उदयपुर जाने का प्लान कर रहे हैं और इस मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं, तो आपके लिए शाम का समय बेहद ही अच्छा रहेगा। शाम के वक्त में लाइट से चमकता इस मंदिर का दृश्य काफी सुंदर दिखता है। आप यहां पर किसी भी दिन सुबह 5:00 बजे से लेकर शाम के 7:00 के बीच में दर्शन करने जा सकते हैं। इस मंदिर में प्रवेश करने के लिए कोई भी शुल्क नहीं है।