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Rajasthan King: राजस्थान के करौली के महाराज और महान संत गोपाल सिंह को आज भी स्थानीय लोग लोक देवता के रूप में पूजते हैं। भद्रावती नदी के तट पर उनकी एक विशाल स्मारक बनाई गई है, जहां लोग हर सोमवार फूल और दिया जलाते हैं।

Rajasthan King: राजस्थान में यूं तो कई राजा महाराजा हुए जिन्होंने अपनी प्रजा के लिए कई महान काम किए। लेकिन आज जिस राजा की हम बात करने जा रहे हैं, उन्हें आज भी यहां के लोग भगवान के रूप में पूजते हैं। करौली के महाराज गोपाल सिंह का सम्मान न केवल उनके भक्त बल्कि दुश्मन भी किया करते थे। गोपाल सिंह राजस्थान के महान शासक हुआ करते थे, इसके साथ ही वे बहुत बड़े संत भी थे। 

भद्रावती नदी के तट पर बनी है विशाल स्मारक 

महाराजा गोपाल सिंह के देहावसान के बाद प्रजा द्वारा भद्रावती नदी के तट पर उनकी एक विशाल स्मारक बनाई गई। इसे गोपाल सिंह की छतरी के नाम से भी जाना जाता है। इस छतरी पर आकर लोग आज भी उन्हें देवता के रूप में पूजते है। राजस्थान के साथ मध्यप्रदेश से भी भक्त आकर यहां उनकी स्मारक पर फूल और दिया जलाते हैं। 20 खंभों से बनी इस भव्य स्मारक पर लोग हर सोमवार को फूल अर्पण करने आते है। 

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भभूत लगाने से दूर हो जाते है रोग 

खास अवसरों जैसे दिवाली, दशहरे के मौके पर लोग यहां पहुंचकर भव्य स्मारक के दर्शन करते हैं। राज्य आचार्य पंडित प्रकाश जी ने बताया कि महाराज गोपाल सिंह के नाम की भभूत लगाने से लोगों के सभी रोग दूर हो जाते है। एमपी के सबलगढ़ तक के स्थानीय लोग यहां आते हैं और महाराज की स्मारक पर पूजा कर भभूत लगाते हैं। 

भगवान कृष्ण के थे परम भक्त 

स्मारक के पुजारी श्याम बाबू भट्ट ने जानकारी दी कि भले ही राजा गोपाल सिंह एक राजा थे, लेकिन साथ ही वे भगवान कृष्ण के परम भक्त थे। राजा के साथ-साथ वे बहुत बड़े संत भी थे, इसी कारण से आज भी लोग उन्हें लोक देवता के रूप में पूजते है। माना जाता है कि आज भी वे अदृश्य होकर अपने लोगों की रक्षा करते है। मान्यता है कि इस छतरी पर नवविवाहित जोड़ों को खाना खिलाने से महाराज खुश हो जाते है और सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

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