Khatu Shyam Temple Story: खाटू श्याम बाबा श्रीकृष्ण भगवान के अवतार हैं। घटोत्कच महाभारत के भीम के पुत्र थे और घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक थे। बर्बरीक को खाटू श्याम बाबा कहते हैं। भीम की पत्नी का नाम हिडिम्बा था, हिडिंबा घटोत्कच की मां थी। बर्बरीक एक ऐसा धनुर्धर था, जो एक ही तीर से पीपल के पेड़ के सारे पत्तों को भेद सकता था। एक बार की बात है जब अर्जुन और श्रीकृष्ण बर्बरीक की वीरता को देखना चाहते थे। श्रीकृष्ण ने बर्बरीक को चुनौती दी की इस पेड़ के सारे पत्तों को एक ही तीर से छेद दोगे तो मान जाऊंगा।
श्रीकृष्ण ने पैर के नीचे छुपा लिया पत्ता
घटोत्कच पुत्र बर्बरीक ने आज्ञा लेकर तीर को पेड़ की ओर छोड़ दिया। तीर के पेड़ पत्तों को एक एक करके भेद रहा था तभी एक पत्ता नीचे गिर गया। श्रीकृष्ण ने उस पत्ते को अपने पैर के नीचे दबा लिया। तीर सारे पत्तों को छेदने के बाद श्रीकृष्ण के पैर के पास आकर रुक गया। तब बर्बरीक ने श्रीकृष्ण से कहा प्रभु अपना पैर पत्ते से हटा लीजिए। आपके पैर के नीचे एक पत्ता है। बर्बरीक ने श्रीकृष्ण से कहा मैंने अपने तीर को पत्तों को छेदने की आज्ञा दे रखी है, आपके पैर छेदने की नहीं। इसलिए आप पैर हटा लीजिए।
बर्बरीक ने ब्राह्मण को दान में दिया शीश
ऐसा सुनकर श्रीकृष्ण बर्बरीक के चमत्कार से चिंतित हो गये। बर्बरीक ने प्रतिज्ञा कर रखी थी की महाभारत की लड़ाई में कौरव और पांडव पक्ष में से जो पक्ष हारेगा उसी की तरफ से लडूंगा। बर्बरीक की इस प्रतिज्ञा से सोच में पड़ गए। भगवान श्रीकृष्ण ने बर्बरीक की इस प्रतिज्ञा का हल निकला। श्रीकृष्ण ब्राह्मण का भेष बनाकर बर्बरीक के शिविर पहुंच गए और दान मांगने लगे। बर्बरीक ने ब्राह्मण से कहा बोलो-ब्राह्मण क्या चाहिए। ब्राह्मण ने बर्बरीक से कहा कि मुझे जो चाहिए आप दे नहीं सकोगे। ब्राह्मण ने बर्बरीक से उसका शीश मांग लिया। तब बर्बरीक ने खुशी खुशी पांडवों की विजय हेतु अपना शीश ब्राह्मण को दे दिया।
खाटू श्याम बाबा श्रीकृष्ण के कलयुगी अवतार
श्रीकृष्ण ने बर्बरीक के इस बलिदान को देखकर एक वरदान दिया। श्रीकृष्ण ने बर्बरीक को कलयुग में पूजे जाने का वरदान दिया। जिस स्थान पर श्रीकृष्ण ने बर्बरीक का शीश रखा उस जगह का नाम खाटू है। आज बर्बरीक को पूरे भारत में खाटू श्याम बाबा के नाम से पूजा जा रहा है। खाटू श्याम बाबा राजस्थान के शेखावाटी के शिखर जिले में है। खाटू श्याम का मंदिर बहुत प्राचीन है। खाटू श्याम बाबा श्रीकृष्ण के कलयुगी अवतार हैं। खाटू श्याम पर हर साल फाल्गुन माह शुक्ल षष्ठी से बारस तक मेला लगता है। यह मेला ग्यारह दिन तक चलता है।
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