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सीकर जिले के पास स्थित शेखावाटी को धर्म की वाटी के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहां कई प्राचीन और अनूठे मंदिर बने हुए है। देशभर से यहां श्रद्धालु मंदिर में भगवान के दर्शन करने आते है।

Shekhawati: राजस्थान के सीकर जिले के पास स्थित शेखावाटी को धर्म की वाटी के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहां भक्ति रस की गंगा हर जगह फैलती है। इस गंगा में डुबकी और मंदिर की आस्था को जानने के लिए देशभर से यहां श्रद्धालु आते है। इस लेख में हम आपको शेखावटी के वो प्राचीन और अनूठे मंदिरों के बारें में बताएंगे जहां की महीमा पूरे भारत में जानी जाती है।
 
1. खाटूश्यामजी का मंदिर- 

खाटूश्यामजी मंदिर भारत के प्रमुख हिंदु धर्म के तीर्थ स्थलों में एक है। लाखों की संख्या में लोग हर रोज यहां आते है। यह मंदिर सीकर के दांतारामगढ़ तहसील में स्थापित है। कथाओं के मुताबिक भगवान श्रीकृष्ण ने बर्बरीक को श्याम रूप में पूजा करने का आशीर्वाद दिया था। साल 1720 में इस मंदिर की नींव रखी गई थी।  

2. शाकंभरी- 

माता दुर्गा का यह प्राचीन मंदिर सीकर और झुंझुनूं की सीमा स्थित है। शाकंभरी देवी माता के सातवीं दुर्गा का रूप है। यहां माता की दो प्रतीमाएं स्थापित है एख माता शाकंभरी देवी की और दूसरी मां काली की। नवरात्र के दिनों में इस मंदिर में भारी भीड़ उमड़ती है। मान्यता है कि इस मंदिर में माता से मांगा हुआ हर वरदान पूरा होता है। 

3. जीणमाता मंदिर 

9वीं शताब्दी में बना माता का यह प्राचीन मंदिर प्रमुख शक्ति पीठों में से एक माना जाता है। यहां माता की अष्ट भुजाधारी वाली मूर्ति स्थापित है। पौराणिक कथा के मुताबिक चूरू के घांघू गांव के चौहान परिवार की जीण नाम की एक लड़की अपने भाई से गुस्सा होकर काजल नामक एक शिखर पर जाकर तप्सया करने लगी, जिसके थोड़ी देर बाद भाई हर्ष भी पास की पहाड़ी पर बैठकर तपस्या करने लगा। माना जाता है बाद में जीण ने जयंति का स्वरूप धारण कर लिया था और हर्ष ने भैरव का। नवरात्री के अवसर पर माता के इस मंदिर में 9 दिवसय मेले का भी आयोजन किया जाता है।

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