Khatu Shyam Ji: बाबा खाटू श्याम फाल्गुनी मेले में भक्तों की भीड़ काफी उमर रही है। भक्त बाबा के दर्शन करने पूरे जोर-शोर से दूर-दूर से आ रहे हैं। इसमें आसपास के जिले के अलावा हरियाणा और दिल्ली के भक्तगण भी शामिल हो रहे हैं। वही बाबा का दर्शन 24 घंटे लगातार होने की वजह से कई कतारों में भक्तगण शांतिपूर्ण तरीके से बाबा के दर्शन के लिए इंतजार करते हैं, भक्तगण की यह कतार बतलाती है कि खाटू श्याम के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं में कितना ज्यादा उत्साह है।
पद यात्रियों के लिए सेवा मुहैया करा रही है संस्थाएं
इसके अलावा बाबा के निशान को लेकर जाने वाले पदयात्री भी देखने को मिल रहें हैं। कई संस्थानों की तरफ से पद यात्रियों के लिए सुविधा भी मुहैया कराई गई है। इनमें भंडारे की व्यवस्था की गई है, जिसमें श्याम भक्तों के लिए खाना-पीना यहां तक खास महंगे पकवान उपलब्ध है। इस भीड़ को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार भक्तगणों की संख्या 50 लाख से ऊपर जाने वाली है।
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बाबा के लिए निशान ले जा रहे हैं पदयात्री
भक्तों का श्रद्धाभाव कदम-कदम पर महसूस किया जा सकता है।12 दिवसीय खाटू मेले में यूं तो तमाम तरह के भक्तों का आवगमन हो रहा है, लेकिन अब खाटू जाने वाले रास्तों में निशान लेकर जाने वाले पदयात्री भक्तों के जत्थों का सैलाब कदम-कदम पर दिखाई दे रहा है।
आखिर क्यों खास है सूरजगढ़ का यह सफेद निशाान ?
भक्तों की आस्था और खाटू श्याम के दर्शन को लेकर रोज हजारों की संख्या में भक्त देश के कोने कोने से निशान लेकर हर्षोल्लास के साथ गाते बजाते पहुंच रहे हैं। लेकिन दिलचस्प बात है कि खाटू श्याम मंदिर के शिखर पर साल भर लहराता यह सफेद निशान झुंझुनू जिले के सूरजगढ़ के छोटे से कस्बे में स्थित प्राचीन सूरजगढ़ मंदिर का ही चढ़ाया जाता है। साल भर यह निशान शीर्ष पर लहरता है फिर इसे लक्खी मेले में बदला जाता है। वहीं एक मात्र सूरजगढ़ की ही महिलाएं है, जो अपनी मन्नत पूरी होने पर पूरे रास्ते सिर पर सीगड़ी रखकर पदयात्रा पूरी करती है।