rajasthanone Logo
Vibhishana Temple: राजस्थान के कोटा शहर के छोटे से कस्बे कैथून में रावण के छोटे भाई विभीषण का मंदिर बना हुआ है। जहां पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु पूजा करने आते हैं। कैथून में होली के अवसर पर विभीषण मेला भी लगता है।

Vibhishana Temple: विभीषण का नाम सुनते हैं आपको रामायण के उसे किरदार का नाम याद आता है, जिसे अक्सर वर्तमान समय में भी में भी लोग भाई के विरुद्ध खड़े हो जाने पर दगाबाज़, धोखेबाज इन सब शब्दों का इस्तेमाल किए बग़ैर कहते हैं कि विभीषण हो। यहां यह वही विभीषण है लंकापति रावण के छोटे भाई । इन सब मान्यताओं से इतर राजस्थान के कोटा शहर के छोटे से कस्बे कैथून में विभीषण का एक मंदिर है। जिसे लोग हजारों सालों से पूजते आ रहे हैं। यहां हर साल होली पर विभीषण मेला लगता है और होलिका दहन पर हिरण कश्यप के पुतले को भी जलाते हैं।

कैसे स्थापित हुआ यह मंदिर?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह मंदिर 5000 हजार साल पुराना है। इस मंदिर के निर्माण से एक पौराणिक कहानी जुड़ी है। कहा जाता है कि भगवान राम के राज्याभिषेक के समय शिवजी ने मृत्युलोक की सैर करने की इच्छा प्रकट की। जिसके बाद कांवड़ पर बिठाकर विभीषण ने भगवान शंकर और हनुमान को सैर कराने फैसला किया। इसके बाद शिवजी ने कहा कि जहां भी यह कांवर जमीन को छुएगा यह यात्रा वही खत्म हो जाएगी। इसके बाद जहां जहां यह कावड़ यात्रा जमीन को छुआ, वहां पर भगवान की मूर्तियां स्थापित की गई और मंदिर का निर्माण किया गया। इसी प्रकरण में जहां विभीषण का पैर जमीन पर पड़ा था, वहां पर विभीषण के मूर्ति की स्थापना की गई और मंदिर का निर्माण करवाया गया।

ये भी  पढ़ें:- राजस्थान के इस मंदिर से आज भी बहती है सरस्वती नदी, जानें इसके पीछे का रहस्य

हिरण कश्यप के पुतले का किया जाता है दहन

कई सूचनाएं यह भी बताती है कि विभीषण का यह मंदिर हर साल तकरीबन जौ के दाने के बराबर जमीन में धंसती है। विभीषण का यह मंदिर केवल धड़ से ऊपर का भाग ही दिखता है, जो की मंदिर के आकर्षण का केंद्र भी है। इसके अलावा यहां होली में विभीषण मेला लगता है। मेले में शामिल होने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। कैथून में स्थापित इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि देश भर में केवल यहां पर ही हिरण कश्यप के पुतले का दहन किया जाता है।

5379487