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Fear Of Tigers: राजस्थान में कई वन्य अभ्यारण है जहां की अलग-अलग प्रजाति के जानवर पाए जाते हैं। लेकिन अब इन जानवरों का खतरा लोगों के लिए बढ़ गया है। कुछ दिनों से रणथंभौर के सड़कों पर हिंसक जानवरों का आवागमन देखा गया है। लिहाजा इस तरह के हिंसक जानवरों के आवगमन से मंदिरों के कई रास्तों में भक्तों की आवागमन में बाधक उत्पन्न होती है। साथ ही इससे लोगों पर खतरा भी रहता है। आईए जानते हैं राजस्थान के उन मंदिरों के बारे में जहां पर हिंसक जानवरों का आवागमन रहता है।

Famous Temples Of Rajasthan: राजस्थान के न सिर्फ शहर बल्कि कई गांव भी पर्यटकों के लिए काफी आकर्षक का केंद्र रहता है। इन सब से इतर अगर ईश्वर की आस्था और यहां पर स्थित मंदिरों की बात करें तो यहां के मंदिर भी आस्थाओं के लिहाज से विशेष जगह रखती है। लेकिन हाल ही में खबर आई जिसमें कि यह बताया गया कि राजस्थान की सड़कों पर हिंसक जानवरों का आवागमन देखा गया है। इसके अलावा खबर यह भी सामने आई की सवाई माधोपुर के जिले के रणथंभौर के त्रिनेत्र मंदिर रास्ते में बाघ ने 7 साल के बच्चे को ले गया। राजस्थान के ऐसे कई मंदिर है जहां पर इस तरह के हिंसक जानवरों का खतरा लगातार बना रहता है। आईए जानते हैं उन मंदिरों के बारे में।

जोगणिया माता मंदिर 

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा की सीमा पर स्थित प्रसिद्ध माता जोगणिया का मंदिर भक्तों के प्रमुख आस्था का केंद्र है। इस मंदिर के पीछे की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। यहां पर भक्त भेंट स्वरूप माता को हथकड़ी चढ़ाते हैं। जो की भक्तों के आस्था का केंद्र माना जाता है। क्योंकि यह मंदिर आसपास जंगलों से घिरा हुआ है, जिस वजह से यहां जंगली जानवरों का खतरा माना जाता है। ऐसे में इस मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए स्पष्ट दिशा निर्देश दिए जाते हैं की सूर्यास्त के पश्चात वह पूर्ण सावधानी के साथ मंदिर में आए।

अचलगढ़ महादेव मंदिर

अचलगढ़ महादेव मंदिर राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित है। यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बेहद मायने रखता है। इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालु का अचलगढ़ महादेव मंदिर को लेकर विशेष आस्था और श्रद्धा जुड़ी हुई है। क्योंकि यह मंदिर के आसपास का क्षेत्र जंगलों से गिरा हुआ है। जिस वजह से यहां तेंदुए और भालू देखने को मिलते रहते हैं। लिहाजा यहां पर श्रद्धालुओं को आने के पश्चात सावधानी बरतनी की जरूरत पड़ती है। 

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परशुराम महादेव मंदिर

परशुराम महादेव मंदिर राजस्थान के पाली और राजसमंद जिले के सीमा पर स्थित है। यह मंदिर ऊंची पहाड़ी में गुफा के अंदर बना हुआ है। इस मंदिर के आसपास भी घने जंगलों का क्षेत्र मौजूद है। लिहाजा सूर्यास्त के पश्चात यहां पर भी हिंसक जानवरों का आना-जाना देखा जाता है। जिस वजह से शाम होने के बाद यहां श्रद्धालुओं का आना-जाना बंद हो जाता है।

चौथ माता मंदिर

राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित चौथ माता का मंदिर है। पहाड़ी पर बना यह मंदिर राजस्थान के भक्त के अलावा बाहर के श्रद्धालुओं का भी आस्था का केंद्र है। क्योंकि चौथ माता मंदिर का क्षेत्र टाइगर सेंचुरी के नजदीक होने की वजह से यहां बाघों का आवगमन देखने को मिलता है। कई बार इस मंदिर के श्रद्धालुओं पर बाघों के हमले की भी खबर आई है। जिस वजह से यहां सूर्यास्त के बाद भक्तों का आवगमन पर मनाही है। श्रद्धालुओं के लिए इन्हीं खतरों से जुड़ा है इंदरगढ़ माताजी का मंदिर और बांसवाड़ा का प्रसिद्ध त्रिपुरा सुंदरी का मंदिर भी।

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