राजस्थान के अलवर जिले में ऐसे कई प्राचीन मंदिर मौजूद हैं, जो अपनी किसी खास बात या इतिहास के लिए जाने जाते हैं। अलवर शहर के त्रिपोलिया परिसर में बना त्रिपोलेश्वर महादेव मंदिर मंदिर भी अपने प्राचीन इतिहास के लिए जाना जाता है। यह शिव मंदिर भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र हैं। 300 साल पहले बनाया गया त्रिपोलेश्वर मंदिर का निर्माण राजाओं महाराजाओं के समय में हुआ था।
बता दें कि इस मंदिर में भगवान शिव की नर्भदेश्वर शिवलिंग विराजित है, जिनकी हर दिन अलग रूप में झांकियां सजाई जाती हैं। मंदिर में सैंकड़ो भक्त अपना सिर भगवान शंकर के आगे झुकाते हैं। खास बात यह है शहर के बाजार केवल शुबह की आरती के बाद ही खोला जाता है, साथ ही सभी दुकानदार बाहर स्थित गोमुख से पहले जल लेते और अपनी दुकान के बाहर छिड़काव करते हैं और तभी अपने दिन की शुरूआत करते हैं।
300 वर्ष पुराना है शिव मंदिर
त्रिपोलेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण आज से करीब 300 साल पहले हुआ था। मंदिर में सालों से परंपरागत तरीके से ही पूजा होती आ रही है। सुबह 3 बजे से भक्त भगवान की शिवलिंग पर जल चढ़ाते है। इसके बाद मंदिर के परिसर की साफ सफाई की जाती है और उसके बाद भगवान की झांकी बनाई जाती है।
रात 2 बजे ही खुल जाता है मंदिर
मंदिर के पुजारी के अनुसार 300 साल पहले जलाई गई अखंड ज्वाला आज भी शिव और शक्ति के रूप में जल रही है। जिसकी मनोकामना पूरी होती है, वो इस ज्वाला में घी डालकर जाता है। त्रिपोलिया मंदिर को रात 2 बजे ही खोल दिया जाता है, जिसके बाद धीरे-धीरे भक्तों की भीड़ आने लगती है। इसके बाद शाम 4 बजे इसे खोला जाता है और 6 बजे संध्या आरती की जाती है।