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Rajasthan Sports Village: बीकानेर जिले के करमीसर गांव को राजस्थान के खिलाड़ियों का गांव कहा जाता है। यहां के दर्जनों खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न खेलों में अपनी पहचान बना चुके हैं। राष्ट्रीय स्तर पर करमीसर गांव का नाम रोशन करने वाले साइकिलिस्ट खिलाड़ियों की लंबी फेहरिस्त है।

Rajasthan Sports Village: पाकिस्तान से सटे पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर जिले का करमीसर गांव खिलाड़ियों के गांव के रूप में देश और दुनिया में प्रसिद्ध है। इस गांव से हर साल दर्जनों ऐसे खिलाड़ी निकले हैं, जो विभिन्न खेलों में प्रदेश और देश का नाम रोशन करते आ रहे हैं। बीकानेर जिला मुख्यालय से करीब साढ़े सात किलोमीटर दूर स्थित यह गांव खेलों के क्षेत्र में हर दिन नई ऊंचाइयों को छू रहा है।

इस गांव की आबादी करीब छह हजार बताई जाती है। वहीं, करमीसर गांव से बीते सालों में अब तक 150 से ज्यादा खिलाड़ी निकल चुके हैं। इसके अलावा कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो प्रशिक्षण ले रहे हैं, उनके बारे में यह भी कहा जा रहा है कि वे जल्द ही विभिन्न खेलों में अपना जलवा बिखेरते नजर आएंगे।

खेल कोटे से कई खिलाड़ियों को मिली है सरकारी नौकरी

आपको बता दें कि अब तक करमीसर गांव से कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो खेल कोटे के जरिए विभिन्न सरकारी पदों पर कार्यरत हैं। इस गांव के 15 साइकिलिस्टों को खेल कोटे से भारतीय रेलवे में नौकरी मिल चुकी है। वहीं चार खिलाड़ी खेल कोटे से राजस्थान पुलिस में नियुक्त हो चुके हैं। करमीसर गांव के 5 खिलाड़ियों को खेल कोटे से भारतीय सेना में भी नौकरी मिल चुकी है।

इसके अलावा ऐसे खिलाड़ियों की लंबी फेहरिस्त है जो प्रदेश के अलावा देश की विभिन्न खेल अकादमियों में प्रशिक्षक के तौर पर अपनी भूमिका निभा रहे हैं। हालांकि करमीसर गांव से बड़ी संख्या में साइकिलिस्ट खिलाड़ी बनकर उभरे हैं। इसके अलावा भी इस गांव के खिलाड़ी विभिन्न खेलों में अपना हुनर ​​दिखाते रहे हैं। इन खेलों में तीरंदाजी, वॉलीबॉल, क्रिकेट आदि शामिल हैं। कई खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने खेल कौशल का जौहर दिखाकर बीकानेर जिले सहित राजस्थान का नाम रोशन किया है।

करमीसर गांव के खिलाड़ियों के नाम कई पुरस्कार

दरअसल, करमीसर गांव को राजस्थान के खिलाड़ियों का गांव कहा जाता है। इसके पीछे की वजह इस गांव का खेलों के प्रति विशेष समर्थन और लगाव है। 1982 के दशक में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करने वाले साइकिलिस्ट गणेश सुथार भी इसी गांव से आते हैं। यहां की युवा पीढ़ी उन्हें अपना आदर्श मानती है।

गणेश सुथार किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। उन्होंने एशियाई खेल 1982 में साइकिलिस्ट के तौर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया था। जानकारी हो कि करमीसर गांव के करीब 7 खिलाड़ियों को महाराणा प्रताप अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। इसके अलावा मौजूदा समय में करमीसर गांव के 50 से ज्यादा खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। वहीं अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साइकिलिस्ट की बात करें तो करमीसर गांव के 10 से ज्यादा खिलाड़ी इन दिनों देश के लिए खेलों में अपनी पहचान बना रहे हैं।

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