Rajasthan By Election 2024: राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाला है। इसको लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों विरोधी पार्टी को क्लीन स्वीप करने का दावा कर रही है, लेकिन इसका अंजाम तो 23 नवंबर को पता चलेगा कि कौन किस पर भरी पड़ा है। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस की पूरी कोशिश होगी वापसी करने की, लेकिन दूसरी ओर भाजपा की सरकार में जिस तेजी से राजस्थान में विकास हो रहे हैं, इससे पलड़ा फिर से भाजपा का ही भारी लग रहा है।
7 में से 6 सीटों पर थे कांग्रेस विधायक
जहां एक तरफ राजस्थान में रूलिंग पार्टी बीजेपी बनी हुई है, वहीं इन 7 सीटों में से कांग्रेस के 6 विधायक थे, जबकि बीजेपी के पास एक सीट था। ऐसे में ये देखना बहुत ही दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस अपनी 6 सीटें बचा पाती है, या उन पर बीजेपी का पलड़ा भारी पड़ता है। आगामी 13 नवंबर को उपचुनाव की घोषणा निर्वाचन आयोग ने कर दिया है, जिसका रिजल्ट 23 नवंबर 2024 को आने हैं।
लेकिन ठीक इसी समय झारखंड और महाराष्ट्र के चुनावी बिगुल भी बज गए हैं और कांग्रेस ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस नेता सचिन पायलट को महाराष्ट्र में चुनाव की जिम्मेदारी सौंप दी है, ऐसे में अगर राजस्थान कांग्रेस के 2 बड़े नेता महाराष्ट्र चुनाव में व्यस्त रहते हैं, तो इसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है। अगर राजस्थान उपचुनाव में बीजेपी को बढ़त हासिल होती है, तो वहां की बीजेपी सरकार और भी मजबूत होंगी।
बीजेपी अपने कैंडिडेट से कर सकती है हैरान
जहां एक तरफ बीजेपी ने 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने मुख्यमंत्री पद पर भजनलाल शर्मा को बिठा कर सभी को हैरान कर दिया था, अब संभावना है कि बीजेपी उपचुनाव में भी कई ऐसे नए चेहरे को मौका दे सकती है, जिसका अंदाजा किसी को नहीं है।
क्या कहता है उपचुनाव का कानून
जन प्रतिनिधि अधिनियम, 1951 की धारा 151A निर्वाचन आयोग को संसद ओर राज्य विधानमंडलों के सदनों के आकस्मिक रिक्तियों की तारीख से 6 महीने के भीतर उपचुनावों के माध्यम से सीटें भरने हेतु अधिदेशित करती है, बशर्ते की कार्यकाल की शेष अवधि एक वर्ष या उससे अधिक हो। इसलिए यदि लोकसभा की शेष अवधि सीट खाली होने की तारीख से 1 वर्ष से कम है, तो उपचुनाव कराने की कोई आवश्यकता नहीं है