Folded Mountain Range: राजस्थान में स्थित अरावली पहाड़ भारत की भौगौलिक संरचना में सबसे पुराना पर्वत श्रृंखला बताया जाता है। यह एक ऐसा पर्वत श्रृंखला है, जो करीब 870 मिलियन वर्ष पुराना है। अरावली पर्वत देश में राजस्थान, गुजरात, हरियाणा ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांत में भी आता है। इस पुरानी पर्वतीय श्रृंखला को क्षेत्रीय स्तर पर मेवात के नाम से भी जाना जाता है। उत्तर भारत का राज्य राजस्थान की पूर्वोत्तर क्षेत्र से गुजरने वाली इस पहाड़ की कुछ चट्टानें राजधानी दिल्ली की साउथ एरिया में भी फैल चुकी हैं। आइए इस श्रृंखला के बारे में हम आपको बताते हैं।
मानसून में मनमोहक लगता है यहां का दृश्य
उत्तर भारत में जब मानसून दस्तक देती है, उसके बाद भारत का अरावली पर्वत की हरियाली मनमोहक बनी रहती है। जब यहां मेघ गर्जन के साथ बारिश आती है, तो दूर से ही पर्वत की चोटियां बादलों से गले मिलते हुए दिखाई देती है। इसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है, जैसे बादलों का आगमन पहाड़ों का सीना चीर कर ही हो रहा हो।
दिल्ली से सटा है यह पर्वत
इस श्रृंखला का उत्तरी छोर हरियाणा से सटे दिल्ली तक चली जाती है। इसका दक्षिणी किनारा गुजरात के अहमदाबाद के नजदीक पालनपुर तक है। पुराने भारत के सप्तकूल पर्वतों में से एक अरावली पर्वत श्रृंखला को माना जाता है। हिंदुकुश पर्वत की तरह इसे भी पारिजात कहा जाता है। ऐसा इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यहां पारिजात पेड़ पाए जाते हैं।
पर्वतारोहियों की पहली पसंद है अरावली पर्वत
पर्वतारोहियों के लिए भी अरावली पर्वत श्रृंखला सबसे बेस्ट माना जाता है। इस पर्वत श्रृंखला में वन्यजीव, जंगल, वनस्पति, नदियां, झीलें और लहलहाते घास के मैदान के साथ साथ खनिजों के भंडार सैलानियों का दिल जीत लेती है। यहां आने वाले पर्यटकों के चेहरे पर खुशी के अलावा कुछ देखने को नहीं मिलता है।
प्राकृतिक नजारा देखने विदेश से आते हैं सैलानी
अरावली पहाड़ियों की ऊंची ऊंची चोटियां सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। प्राकृतिक के इस रूप को देखने के लिए देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी पर्यटक यहां आते हैं। इनमें माउंट आबू, कुंभलगढ़ और रणकपुर का जैन मंदिर विश्व प्रख्यात है। इसकी सबसे ऊंची चोटी गुरु शिखर माउंट आबू में 5653 फूट यानि 1723 मीटर है।