Rajasthan Tourism: सैर सपाटे के शौकीन लोगों के लिए भारत के सबसे बेहतरीन राज्यों में से एक राज्य राजस्थान है। क्योंकि यहां के शहर वाइब्रेंट कल्चर और ऐतिहासिक परिदृश्य से भरे हुए हैं। ऐसे में अगर कोई पर्यटक सैर सपाटे का शौकीन होता है, तो उसे राजस्थान के पर्यटन स्थल बड़े लुभावने लगते हैं। अगर आप भी राजस्थान आने की प्लानिंग कर रहे हैं तो हम आपको बताने जा रहे हैं राजस्थान के कुछ बेहतरीन टूरिस्ट डेस्टिनेशंस के बारे में जहां जाए बिना आपका यह अधूरा रह जाएगा।
हवा महल
राजस्थान की राजधानी, गुलाबी नगरी जयपुर में एक ऐसा पर्यटन स्थल स्थित है जिसे वास्तुकार लाल चंद्र उस्ताद द्वारा महाराजा सवाई प्रताप सिंह के लिए राजमुकुट की तरह बनाया गया था। यह पाँच मंजिला महल सन 1799 में बनकर तैयार हुआ था। हवा महल में 953 छोटी-छोटी जालीदार खिड़कियां हैं, जो बेहद खूबसूरत और आकर्षक लगती हैं। इन्हें झरोखा कहा जाता है।
सिटी पैलेस जोधपुर
सिटी पैलेस राजस्थान के उदयपुर में स्थित राजपूत वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है। सिटी पैलेस अपनी शैली में राजस्थान का सबसे बड़ा पैलेस माना जाता है। इसके निर्माण का कार्य 1553 ई. में महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने शुरू करवाया था। इसे बनवाने के पीछे का कारण यह था कि उस समय उन्होंने अपनी राजधानी को चित्तौड़ से उदयपुर के नए शहर में स्थानांतरित किया था। इस महल का निर्माण संगमरमर और चिनाई से करवाया गया है। इस महल परिसर में जग मंदिर, जगदीश मंदिर, लेक पैलेस और मॉनसून पैलेस जैसे कई ऐतिहासिक स्मारक स्थित हैं। पिछोला झील इसी महल के पश्चिमी तट पर स्थित है।
कुलधरा
कुलधारा, 13वीं शताब्दी में पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा निर्माण किया गया एक ऐसा गांव है, जिसे आज के समय में भूतों का गांव माना जाता है। कुलधरा, राजस्थान के जैसलमेर में स्थित है, जिसे एक श्रापित और रहस्यमयी गांव कहा जाता है। इस गांव के लोगों ने रातों-रात गांव को खाली कर दिया था।
कुछ लोगों का मानना है कि गांव में जल की आपूर्ति खत्म हो जाने के कारण उन्हें इस जगह का परित्याग करना पड़ा। वैसे तो अब कुलधरा को एक पर्यटन स्थल का दर्जा दे दिया गया है और यहां हर दिन हजारों की संख्या में पर्यटक भी आते हैं, किंतु कुछ समय पहले तक यहां आने की अनुमति किसी को नहीं थी।
मेहरानगढ़ किला
राजस्थान के जोधपुर जिले में स्थित मेहरानगढ़ किला भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है। 1459 ईस्वी में बनाया गया यह किला 410 फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। माना जाता है कि जब राठौर शासक राव जोधा ने 1459 में जोधपुर शहर का निर्माण करवाया, तब उन्होंने अपनी राजधानी मंडोर से जोधपुर स्थानांतरित की और जोधपुर की भाऊचेरिया पहाड़ी पर एक शाही किले का निर्माण करवाया।
यह किला मंडोर से सिर्फ 9 किलोमीटर दूर है। राठौर शासकों में सूर्य देव की उपासना सबसे ज्यादा की जाती थी, इसलिए उन्होंने इस किले का नाम सूर्य देव के नाम पर रखा। इस किले में कई बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्में शूट हो चुकी हैं, जिनमें ठग्स ऑफ हिंदोस्तान, द लायन किंग और द डार्क नाइट राइजेस शामिल हैं।
अजमेर शरीफ दरगाह
अजमेर शरीफ दरगाह जिसे ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह शरीफ के नाम से भी जाना जाता है, राजस्थान के अजमेर में स्थित एक ऐसा दरगाह है, जो संतों, सद्गुरुओं और अराधकों की भक्ति और श्रद्धा का केंद्र है।
अजमेर शरीफ का दरगाह एक ऐतिहासिक स्थल है, जो सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती से जुड़ा हुआ है। अजमेर शरीफ के दरगाह में माथा टेकने के लिए भारत के अन्य राज्यों के पर्यटकों के अलावा पाकिस्तान और बांग्लादेश से भी पर्यटक घूमने आते हैं।
आमेर किला
आमेर फोर्ट, राजस्थान की राजधानी जयपुर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह विशुद्ध हिंदू वास्तुकला का एक ऐसा उदाहरण है, जिसे 2013 में वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स की सूची में शामिल किया गया। यह किला लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बना है।
इस किले का नाम इसके नजदीक में ही स्थित अंबिकेश्वर मंदिर के नाम पर पड़ा है। इस किले से नीचे देखने पर आपको मावठा लेक देखने को मिलेगी, जो इस किले की जल आपूर्ति का प्रमुख स्रोत है।
पुष्कर झील
पुष्कर झील हिंदू धर्म में आशा रखने वालों के लिए एक ऐसा तीर्थ स्थल है, जो राजस्थान के अजमेर जिले के पुष्कर कस्बे में स्थित है। यह एक प्राकृतिक क्रेटर झील है, जो लूनी नदी के कारण बनी है। पौराणिक कथा के अनुसार, माना जाता है कि इस झील का निर्माण ब्रह्मा जी ने करवाया था और इसी कारण इस झील के निकट ही ब्रह्मा जी का मंदिर स्थित है।
अक्टूबर-नवंबर महीने में पुष्कर झील में मेला लगता है और माना जाता है कि अगर इस समय कोई पुष्कर झील में नहा ले, तो शरीर के सारे रोग ठीक हो जाते हैं।
रणथंभोर राष्ट्रीय उद्यान
अरावली और विंध्याचल पहाड़ियों के संगम पर स्थित रणथंभोर राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान है। यह राष्ट्रीय उद्यान अपनी अद्वितीय जैव विविधता और बाघ संरक्षित परियोजना के लिए जाना जाता है। इसी कारण यह उद्यान पर्यटकों, वन्यजीव प्रेमियों और फोटोग्राफरों को अपनी ओर आकर्षित करता है। रणथंभोर किला इसी राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत आता है, जो यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है।
बूंदी फोर्ट
14वीं सदी में बूंदी के संस्थापक राव देव हाड़ा द्वारा अरावली की खोखली पहाड़ी पर एक भव्य किले का निर्माण कराया गया, जिसे आज हम बूंदी के किले के रूप में जानते हैं। इस किले के अंतर्गत कई महल आते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख महल छत्रमहल, अनिरुद्ध महल, रतन महल, फूल महल और बादल महल हैं।
केवलादेव नेशनल पार्क
केवलादेव नेशनल पार्क 28 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ एक वन क्षेत्र है जो भारत के वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शामिल है। राजस्थान के भरतपुर में स्थित होने के कारण इसे भरतपुर पक्षी विहार भी कहा जाता है। यह पक्षी विहार अपने यहां आने वाले साइबेरियन पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है जो सर्दियों में माइग्रेट करके भारत आती है।
यह नेशनल पार्क उन पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है जो या तो लुप्तप्राय है या दुर्लभ रूप से देखे जाते हैं। इस पक्षी विहार को 1982 में नेशनल पार्क का दर्जा दिया गया।
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