Bikaner Camel Festival: बीकानेर में 10 से 12 जनवरी तक अंतराष्ट्रीय ऊंट फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा। जिसमें ऊंटों की प्रतियोगिताएं, शोभा यात्रा, पतंगबाजी, सैंड आर्ट, अग्नि नृत्य, रंगोली प्रतियोगिताएं आर्ट की प्रदर्शनी, हेरिटेज वॉक जैसी इत्यादि प्रदर्शनियां होंगी। इस फेस्टिवल का आयोजन बहुत ही मजेदार और भव्य होगा। इसमें बहुत दूर-दूर से लोग घूमने आएंगे और इस फेस्टिवल का लुत्फ उठाएंगे।
पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन की ओर से भी तैयारियां की गई हैं। अनिल राठौर (पर्यटन विभाग के उपनिदेशक) का कहना है कि 10 जनवरी को धरणीधर मैदान में प्रसिद्ध गायक प्रकाश माली द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम करेंगे और दूसरे दिन 11 जनवरी को मिस मरवण, ढोला मरवण और मिस्टर बीकाणा का पारंपरिक परिधान प्रदर्शन का आयोजन डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में होगा।
ऊंटों को किया जा रहा तैयार
आमतौर पर ऊंटों को ज्यादातर चारा ही खिलाया जाता है। लेकिन इस बार सुनने में आया है कि ऊंटों को मोठ, मूंगफली, काजू-बादाम, दूध पिलाए जा रहे हैं, जिससे उनके अंदर का स्टैमिना ओर बूस्ट हो जाए। ऊंटों को सुंदर और आकर्षक दिखाने के लिए उन्हें नहलाया जा रहा है। साथ ही ऊंटों की फर कटिंग और सजाकर उन्हें प्रतियोगिताओं के लिए तैयार किया जा रहा है। ऊंटों को सजा-धजाकर तैयार किया जा रहा है।
राजस्थान की शान हैं ऊंट
राजस्थान के लोग ऊंट को केवल एक जानवर या पशु ही नहीं मानते बल्कि उन्हें राजस्थान की आन बान और शान भी मानते हैं। यूं ही नहीं ऊंट को रेगिस्तान का जहाज कहा जाता है। राजस्थान में ओर भी बहुत जगह ऊंट मेले होते हैं। माना जाता है कि ऊंटों को सम्मान देने के लिए ऊंट महोत्सव को मनाया जाता है। इससे लोगों को राजस्थान की संस्कृति भी जानने को मिलती है। इस अंतराष्ट्रीय ऊंट महोत्सव की शुरुआत जूनागढ़ के किले से ऊंटों के जुलूस के साथ होती है। इस जुलूस में ऊंटों को बहुत ही सुंदर तरीकों से सजाया जाता है। जिससे ये ऊंट बहुत ही सुंदर और आकर्षक दिखाई देते हैं।