Dungarpur History : यदि आप शहर के शोर-गुल से परेशान होकर किसी शांतिपूर्ण वातावरण की खोज कर रहे हैं तो आज हम आपको राजस्थान की फेमस जगह के बारे में बताएंगे जिसे “सिटी ऑफ हिल्स” के नाम से भी जाना जाता है। हम बात कर रहें है राजस्थान के डूंगरपुर शहर की जो अपनी ऐतिहासिक स्वच्छता और शांतिपूर्ण वातावरण के लिए फेमस है। यहां हर साल लाखों देशी-विदेशी पर्यटक छुट्टियां बिताने के लिए आते हैं।
“सिटी ऑफ हिल्स” के नाम से फेमस राजस्थान का डूंगरपुर शहर प्रमुख हिल स्टेशनों में से एक माना जाता है। यह शहर पहाड़ियों के बीच बसा हुआ है। इस जिले में आपको भील जनजाति के लोग मिल जाएंगे। इस समुदाय की खास बात यह है कि यह जनजाति आज भी पुरानी संस्कृति के आधार पर जीवन जीने के लिए प्रचलित है। डूंगरपुर की खूबसूरती यह है कि यहां की छोटी-छोटी पहाड़ियों पर भीलों की बस्तियों नजर आती हैं।
डूंगरपुर का इतिहास
राजस्थान का यह खूबसूरत शहर 1282 ई. में रावल वीर सिंह के द्वारा 13वीं सदी में स्थापित किया गया था। रावल वीर सिंह ने इस शहर को भील मुखिया डूंगरिया को हराकर अपने नाम किया था। इस जिले का नाम डुंगरिया के नाम पर ही रखा गया है। दरअसल डूंगरिया नामक एक भील सरदार था जिसकी पहले से दो पत्नियां थी, लेकिन फिर भी वह एक संपन्न व्यापारी की बेटी से शादी करना चाहता था। लेकिन व्यापारी इसके लिए तैयार नहीं था। इसके लिए व्यापारी ने बांगड़ राज्य के रावल वीरसिंह को डूंगरिया से युध्द करने को कहा और रावल वीरसिंह ने डूंगरिया को युध्द में हराकर मार डाला।
युद्ध से पहले रावल वीरसिंह ने डूंगरिया की पत्नियों से वादा किया था कि वह डूंगरिया के नाम का स्मारक बनाकर उसे अमर कर देगा। इसी वजह से रावल वीरसिंह ने एक पहाड़ी पर डूंगरिया के नाम का मंदिर स्थापित कराया और उस पहाड़ी का नाम डूंगरपूर नगर रख दिया। अंग्रेजी शासन के बाद 25 मार्च 1948 में इस शहर को राजस्थान राज्य में शामिल कर लिया गया था।