Hawa Mahal : राजस्थान अपनी परंपरा, संस्कृति के अलावा दुनिया भर में अपने धरोहर के लिए भी मशहूर है। राजस्थान में कई ऐसे किले महल है जो पर्यटकों का मन मोह लेती है। शायद ही कोई ऐसा होगा जो जयपुर की शान हवा महल का नाम नहीं सुना होगा।
जयपुर का हवा महल लोकप्रिय पर्यटक स्थलों में से एक है। हवा महल को जयपुर का ताज, पैलेस ऑफ विंड्स, या हवाओं का महल भी कहा जाता है। हवा महल का निर्माण 1799 में महाराजा सवाई सिंह ने करवाया था। हवा महल गुलाबी जालीदार खिड़कियों के लिए दुनिया भर में मशहूर है।
5 मंजिला इमारत बिना सीढ़ी
हवा महल एक पांच मंजिला इमारत है। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा की हवा महल में कोई सीढ़ी नहीं है । यह काफी हैरान कर देने वाली बात है की हवा महल में कोई सीढ़ी नहीं है लेकिन रैंप बनाया गया है जिसकी मदद से आप मंजिलों पर आसानी से जा सकते हैं।
बिना नींव के खड़ा हवा महल
आपको जानकर हैरानी होगी कि ये पांच मंजिला इमारत बिना किसी नींव के खड़ी है। हवा महल बिना किसी नींव के दुनिया के ऊंची इमारत में शामिल है। यह महल 87 डिग्री कोण पर झुकी हुई है।
महल में 935 खिड़कियां
हवा महल को पैलेस ऑफ़ विंड्स के भी नाम से जाना जाता है। इस महल में 935 खिड़कियां स्थित है, जो बाकी के महलों से इस महल को अलग बनाती है। इन खिड़कियों को बनाने के पीछे कारण यह है कि गर्मियों के मौसम में जयपुर में भीषण गर्मी पड़ती है, जिसके कारण हवा महल अंदर आसानी से आ सके और गर्मियों के एहसास ना हो।
महल में कोई प्रवेश द्वार नहीं
हवा महल के अंदर जाने के लिए सामने से कोई प्रवेश द्वार नहीं बनाया गया है। हवा महल के फ्रंट में आपको कोई प्रवेश द्वार नहीं नजर आएगा। महल के अंदर प्रवेश करने के लिए सिटी पैलेस के तरफ से जाना होगा।
भगवान कृष्ण के मुकुट सा हवा महल
हवा महल का जो आकर है लोग इसकी तुलना भगवान कृष्ण के मुकुट से भी करते हैं। इसके निर्माण करता सवाई प्रताप सिंह को कृष्ण भगवान का बहुत बड़ा भक्त माना जाता था।
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