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Bird Village Menar: राजस्थान का मेनार गांव जहां साइबेरियन पक्षी प्रवास करती हैं। यहां 250 प्रकार की पक्षी देखी जा सकती हैं, जिनमें 100 से अधिक प्रवासी पक्षी हैं। इस गांव को बर्ड विलेज के नाम से भी जाना जाता है।

Bird Village Menar: राजस्थान ऐसा शहर है जो पर्यटकों के लिए टूरिज्म को लेकर खास आकर्षक का केन्द्र रहता है।बात अगर प्राकृतिक सौंदर्य की करें तो यह शहर उसमें भी अपनी खास पहचान रखता है। यहां शहर के साथ साथ एक ऐसा गांव है जो पर्यटकों को प्रकृति के खुबसूरती का एहसास करवाता है।

मेनार गांव को क्यों कहते हैं बर्ड विलेज?

राजस्थान के उदयपुर जिले का मेनार गांव जहां अपनी विरासत, पुरातत्व पर्यटन और संरक्षण का संगम देखने को मिलता है। जिससे देखकर ऐसा सुखद अहसास होता है, जो पर्यटकों को मेनार के अलावा कहीं नहीं मिल सकता है। साथ ही यह गांव सामुदायिक संरक्षण (कम्यूनिटी कंजर्वेशन) और वन संरक्षण (फॉरेस्ट कंजर्वेशन) के तालमेल का बेहतरीन उदाहरण भी माना जाता है।

इस गांव के बारे में पक्षीविदों का कहना है कि यहां के पक्षियों में इंसानों को लेकर कोई डर नहीं है। गांव के लोंगो का पक्षी को लेकर व्यवहार मित्रतापूर्वक होने से ये प्रवासी पक्षी काफी सहज महसूस करते हैं।

कौन से प्रवासी पक्षी पाएं जाते है?

बता दें कि यहां 250 प्रकार की पक्षी देखी जा सकती हैं। इनमें प्रवासी पक्षी की संख्या 100 से अधिक होती हैं। वैसे तो यहां 100 से अधिक प्रवासी पक्षी नवंबर से मार्च तक रहते हैं। लेकिन इनमें जो प्रमुख प्रवासी पक्षी प्रवास करते हैं वह डेमेसाइल क्रेन, पेलीकन, ओस्प्रे,फ्लेमिंगोज,रेड किर्स्टेड पोचार्ड, बार हैडेड गूज, ग्रेलैग गूज है।

गांव के लोग करते हैं पक्षियों की पहरेदारी

वहीं मेनार के ग्रामीणों ने अपनी सूझबूझ से यहां के पक्षी गांव ब्रह्म तालाब और ढंढ तालाब को संरक्षित कर रखा है। इस गांव में इन पक्षीयों को देखने के लिए भीड़ सी लगती है, जोकि प्रकृति प्रेमी को काफी आंनद महसूस कराती है। साथ ही इन पक्षियों की निगरानी यहां के वॉलियन्टर्स करते है। इन वॉलियन्टर्स को मेनार गांव में पक्षी मित्र के नाम पुकारा जाता है।

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