Nathmal Ki Haveli: जैसलमेर में आपको कई प्राचीन जगहें घूमने को मिल जाएंगी, परंतु क्या आप जानते हैं कि शहर का दिल माना जाने वाली नाथमल की हवेली आज के समय में किसी बड़े रेस्टोरेंट से कम नहीं है। इतिहास की बात करें तो इसका निर्माण साल 1885 में जैसलमेर के राजा दीवान मोहता नाथमल ने कराया था। हाथी और लुलु नामक दो भाइयों ने अपने पिता के लिए करवाया था। इन दोनों ने मिलकर इस किले के दोनों किनारों पर काम करवाया था।
हवेली की वास्तुकला
राजस्थान की कई ऐतिहासिक किले अपनी कला और खूबसूरती के लिए जाने जाते हैं। इस हवेली में आपको बारीकी का काम देखने को मिलेगा। पत्थरों पर शानदार नक्काशीदारी की गई है। साथ ही लघु शैली से की गई पेंटिंग भी इस जगह की शान मानी जाती है।
आज भी बिना शुल्क के रह रहे हैं लोग
इस हवेली की खास बात यह है, कि यहां आज भी राजा के वंशज बिना की शुल्क के यहां रह रहे हैं। कई लोग यहां रूकने और राजस्थान की जीवन शैली का मजा लेने के लिए यहां आते हैं।
युवा पीढ़ी सैलानी रखते हैं रूचि
आज कल सोशल मीडिया के जमाने में युवा पीढ़ी प्राचीन महलो और हवेली में खूब रूचि रखते हैं। कई लोग यहां अपने कैमरों में सुंदर नजारे और यहां के रहन-सहन को कैद करने के लिए आते हैं। सोशल मीडिया के दौर में सुंदर और प्राचीन हवेलियों को अंतराष्ट्रीय स्तर पर एक पहचान दिलाता है।
यात्रा करने का सही समय
जैसलमेर में गर्मी के दिनों में तीव्र धूप निकलती है, जिसके कारण यहां घूमने में आपको दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। इसीलिए यहां आने का सही समय अक्टूबर से मार्च का है, जब गर्मी कम होती और ठंडे मौसम में आप यहां हर चीज आसानी से देख सकते हैं। यदि आप यहां आने का विचार कर रहे हैं तो पहले से वेबसाइट पर जाकर बुकिंग करा लें। ताकि वहां जाकर आपको कोई तकलीफ का सामना ना करना पड़ें।