Neemrana Fort: नीमराणा किला देश उस धरोहर में से एक है, जिसकी एक झलक देखने को लोग देश से ही नहीं, बल्कि विदेश से भी आते हैं। नीमराणा के अंतिम शासक राजा राजेंद्र सिंह चौहान के हाथों से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया था। इस समय किले को पंजाब में शामिल करने की मांग उठाई गई थी, कई लोग इसे दिल्ली प्रांत में शामिल करना चाहते थे, वहीं कई लोग चाहते थे कि यह राजस्थान राज्य में आए। 30 मार्च 1949 को इस किले को राजस्थान में शामिल किया गया। आज यह किला शहर की आय में सबसे बड़ा भागीदार है। सालाना लाखों सैलानी इस किले की खूबसूरती और इसके इतिहास के बारें में जानने आते हैं।
नीमराणा किले का इतिहास
नीमराणा कस्बें को राजा हीलादेव के बेटे राजदेव ने साल 1446 में बसाया था। किले के निर्माण की शुरूआत राजा राजदेव ने निमोला मेओ को युद्ध में हराकर पृथ्वीराज चौहान वंश की स्थापना की थी। निमोला के आग्राह करने के बाद इस किले का नाम निमोला रख दिया गया था समय के साथ-साथ इसे बदल कर नीमराणा कर दिया गया। साल 1465 से 1518 के बीच किले का विस्तार राजा राजदेव के पुत्र पूरणमल ने कराया था।
किले की कलाकरी
8 मंजिला यह महल अरावली की पहाड़ी पर घोड़े की नाल के रूप में बना हुआ है। इस किले की वास्तुकला और कलाकारी पयर्टकों को अपनी ओर आकर्षत करती है। आजादी के बाद ही राजा राजेंद्र सिंह ने महल को खाली कर सरकार के हवाले कर दिया था, जिसके बाद इसको नया स्वरूप दे दिया गया।
आज यह महल एक होटल में बदल दिया गया है, जिसका नाम वर्ल्ड हेरीटेज सेंटर की लिस्ट में शामिल है। पूरे विश्व से लोग यहां की शानदार सुविधा का आनंद लेने के लिए और महाराजों की लाइव जीने के लिए यहां आते हैं। अंतर्राष्ट्रीय लेखक कॉन्फ्रेंस व अर्थशास्त्रियों की कॉन्फ्रेंस जैसी बड़ी बैठके यहां हो चुकी है। इसके अलावा वीआईपी इस जगह को अपनी शादी के लिए बुक कराते हैं।