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Nihal Tower Dholpur: राजस्थान के धौलपुर जिले में भारत का सबसे ऊंचा घंटाघर बना हुआ है, यह इतना ऊंचा है कि इसकी आवाज पूरे शहर को सुनाई देती थी। इस घंटाघर का निर्माण धौलपुर के राजा निहाल सिंह ने साल 1880 में कराया था।

Nihal Tower Dholpur: देश के कई राज्यों में कई घंटाघर बने हुए हैं, लेकिन क्या आप जानते है कि देश का सबसे ऊंचा घंटाघर कहां मौजूद है।आपको बता दें कि राजस्थान के धौलपुर जिले में भारत का सबसे ऊंचा घंटाघर बना हुआ है, यह इतना ऊंचा है कि इसकी आवाज पूरे शहर को सुनाई देती थी। एक समय था जब हर घंटे इसकी आवाज 8 मील की दूरी तक सुनाई पड़ती थी, लेकिन आज यह इमारत एक स्तंभ बनकर रह गई है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको इस इमारत से जुड़ी सभी जानकारी विस्तार में बताएंगे।

टावर का इतिहास

इतिहासकारों के मुताबिक इस घंटाघर का निर्माण धौलपुर के राजा निहाल सिंह ने साल 1880 में कराया था, उन्हीं के नाम पर इस इमारत को निहाल टावर के नाम से भी जाना जाता है। टावर का जालियों पर आपको एनटी (निहाल टावर) लिखा हुआ दिखाई देगा। वर्ष 1910 में धौलपुर के महाराजा राजाराम सिंह के समय इसका कार्य पूरा हुआ था।

इमारत की खास बातें

लाल और सफेद पत्थर से बने इस आठ मंजिला घंटाघर की लंबाई 150 फुट है, वहीं यह 120 फुट के इलाके में फैला हुआ है, जिसके कारण इसकी घड़ी चारों तरफ से दिखाई देती है। देश के सबसे ऊंचे घंटाघर के घंटे का आकार करीब 4 फुट और परिधि लगभग 11 फुट है। इसका भार 600 किलोग्राम से ज्यादा बताया जाता है। साथ ही इसका पेंडुलम 100 किलोग्राम और हथोड़ा 5 किलोग्राम का है। आपको बता दें कि इस घड़ी को राजा ने इंग्लैंड की मैसर्स जिलेट जॉनसन क्रॉप डॉन नामक कंपनी से कराया था।

आज स्तंभ बनकर खड़ी है इमारत

शहर के करीब बसे गांव के लोगों को समय के बारे में बताने के लिए इस घंटाघर का निर्माण कराया था, ताकि लोगों को टाइम का पता चल सके सुबह जानवरों को जंगल में ले जाने से लेकर शाम को वापस लाने के लिए घंटे की आवाज गांव के लोगों की मदद करती थी, लेकिन आज यह ऐतिहासिक इमारत एक चौराहे पर स्तंभ बनकर खड़ी हुई है।

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