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Rajasthan Culture: क्या आपने कभी सोचा है कि राजस्थान में झीलों का शहर भी हो सकता है? चौंकिए मत क्योंकि ऐसा सच में है। चलिए राजस्थान के इसी खास शहर के बारे में जानते हैं।

Rajasthan Culture: उदयपुर, राजस्थान का एक ऐसा शहर है जिसे सूर्योदय का शहर कहा जाता है। इसकी खूबसूरती दुनिया भर से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। इस शहर के सफेद संगमरमर से बने महल और ऐतिहासिक इमारतें तो अलग ही हैं। इसके साथ इस शहर में और भी कई खास चीजें हैं, जैसे कि यह शहर राजस्थान का झीलों का शहर भी कहा जाता है। चलिए जानते हैं इस शहर की प्रसिद्ध झीलों के बारे में -

पुष्कर झील

धार्मिक दृष्टि से, हिंदुओं के लिए पवित्र मानी जाने वाली पुष्कर झील राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित है। पुष्कर झील अपने यहां होने वाले पुष्कर मेले के लिए प्रसिद्ध है। पुष्कर मेले के समय यह क्षेत्र और इसके आसपास का इलाका हजारों पर्यटकों और तीर्थयात्रियों से भर जाता है। इस झील के किनारे 52 घाट हैं, जो यहां के तीर्थयात्रियों को स्नान के लिए अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

राजसमंद झील

राजसमंद झील राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित है। इस झील को राजस्थान के सबसे खूबसूरत जिलों में से एक माना जाता है। इस झील के किनारे 'राज प्रशस्ति' नाम के शिलालेख देखने को मिलते हैं, जिन पर मेवाड़ राजवंश के इतिहास के बारे में लिखा मिलता है। यह झील संध्या के समय सूर्यास्त पर अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करती है, जो फोटोग्राफी के लिए प्रसिद्ध है।

सांभर झील

राजस्थान की राजधानी जयपुर नगर के समीप स्थित सांभर झील अपने यहां बहुतायत मात्रा में नमक उत्पादन के लिए जानी जाती है। यह खारे पानी की झील समुद्र तल से 1200 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। यह झील मुख्य रूप से पांच नदियों के जल से बनी हुई है, जिनमें बांडी, खारी, मेंथा, रूपनगढ़ और खंडेला शामिल हैं। इस खारे पानी की झील का कुल जलग्रहण क्षेत्र 5700 वर्ग किलोमीटर का है। इस झील को महाभारत काल की मान्यताओं से जोड़ा जाता है। माना जाता है कि इस झील के तट पर ही राक्षसों के गुरु शुक्राचार्य की पुत्री देवयानी और राजा ययाति का विवाह संपन्न हुआ था। इस झील के तट पर माता शाकंभरी देवी को समर्पित एक मंदिर भी स्थित है। जब यह झील पूर्ण रूप से भरी हुई होती है, तब इसका क्षेत्रफल 90 वर्ग मील होता है।

जयसमंद झील

जयसमंद झील राजस्थान के उदयपुर जिले में स्थित एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है, जो जलीय जीवन के साथ-साथ स्थानीय और प्रवासी पक्षियों के लिए एक आदर्श स्थान मानी जाती है। यह झील राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यह झील विश्व की दूसरी और एशिया की सबसे पहली मीठे पानी की कृत्रिम झील है। जयसमंद झील के आसपास का क्षेत्र जयसमंद वन्यजीव अभ्यारण्य का हिस्सा है। जयसमंद वन्यजीव अभ्यारण्य तेंदुए, हिरण, पक्षियों और अन्य जीवों का मुख्य आवास है। इस झील को ढेबर झील भी कहा जाता है और यह झील जिला मुख्यालय से लगभग 51 किलोमीटर दूर है। इस झील को धार्मिक झील भी कहा जाता है क्योंकि यह जल स्रोत मेवाड़ क्षेत्र के लिए बहुत पवित्र माना जाता है।

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