Rajasthan Famous National Park: राजस्थान के केवलादेव नेशनल पार्क भारत के सबसे बड़ा बर्ड्स नेशनल पार्क है, जो हजारों प्रवासी पक्षियों की मेजबानी करता है। इसे भरतपुर पक्षी अभयारण्य के नाम से भी जाना जाता है। अगर आप राजस्थान घूमने का सोच रहे हैं या आप बर्ड्स लवर्स है, तो यह अभयारण्य आपके घूमने के लिए बेस्ट हो सकता है। यह अभ्यारण राजस्थान के भरतपुर में स्थित है, जहां पक्षियों के कई सारे प्रजाति बसते हैं। यहां हर रोज हजारों पर्यटक घूमने आते हैं। तो जानते हैं इस नेशनल पार्क से जुड़ी मुख्य बातें।
केवलादेव नेशनल पार्क की स्थापना
केवलादेव राष्ट्रीय पार्क भारत का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जिसका स्थापना 1976 में किया गया था। यह अभ्यारण आज से लगभग 250 वर्षों से मौजूद है। इस जगह पर पहले महाराजाओं द्वारा शिकारगाह के रूप में उपयोग किया जाता था। ऐसे कहा जाता है कि ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड लिनलिथगो ने सिर्फ एक दिन में शिकार पार्टी के दौरान हजारों बतख और अन्य जलपक्षी मारे गिराएं थे। इसके बाद 13 मार्च 1976 को इस जगह को पक्षी अभयारण्य रूप में घोषणा कर दिया गया। यह राष्ट्रीय उद्यान एक विश्व धरोहर स्थल भी है। यहां की हरियाली और प्रकृति सौन्दर्य पर्यटकों को बहुत आकर्षित करता है। इस पार्क में पक्षियों के 230 से अधिक प्रजाति पाई जाती हैं।
पर्यटक के लिए क्यों है खास यह अभ्यारण
यह अभ्यारण मुख्य रूप से पक्षियों के लिए माना जाता है, लेकिन यह पार्क सिर्फ पक्षियों के लिए नहीं है बल्कि इस पार्क में कई तरह के वनस्पति और जीव-जंतु की बड़ी श्रृंखला पाई जाती है। अगर आप अपने परिवार और खास लोगों के साथ शांति के साथ प्रकृति का मजा लेना चाहते हैं तो इस नेशनल पार्क में आ सकते हैं। इस अभ्यारण में पाए जाने वाले पक्षियों की आवाज़ सुनकर और यहां की हरियाली देखकर आपका मन आनंदित हो जाएगा। यह जगह आपको भाग- दौड़ की दुनिया से दूर लाकर मन और दिमाग को शांति प्रदान करता है। यह फोटोग्राफी के लिए भी बेहतर माना जाता है।
उद्यान में वनस्पति और प्राणी
इस पार्क में वनस्पति और प्राणियों का एक बड़ा समूह है, जिसे हम घाना के नाम से भी जानते हैं। बता दें कि घाना का अर्थ मोटा होता है, इसलिए इस पार्क को केवलादेव घाना राष्ट्रीय उद्यान के नाम से भी जाना जाता है। इस नेशनल पार्क में पक्षियों की 375 प्रजाति, मछलियों की 50 प्रजाति, सांपों की 13 प्रजातियां, वनस्पतियों की 379 प्रजातियों के साथ साथ कछुओं और छिपकलियों की भी कई सारे प्रजातियां रहती हैं। इन सबों के साथ-साथ इस पार्क में जलपक्षी के रूप में बत्तख, सारस और बगुलें जैसे कई पक्षी देखने को मिलते हैं। वहीं इसमें लैंडबर्ड में बब्बर, मधुमक्खी खाने वाले पक्षी भी पाए जाते हैं। इन सभी को देखने के लिए हर रोज हजारों के संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। अगर आप भी राजस्थान जानें का सोच रहे हैं, तो एक बार यहां जरूर जाएं। यहां आपको घूमने का एक अलग ही अहसास होगा