Maha Shivaratri 2025: देश भर में महाशिवरात्रि का पर्व बड़े जोर शोर से बनाया जाता है। इस बार महाशिवरात्रि देश में 26 फरवरी को मनाई जाएगी। कई लोग इस दिन घूमने का सोचते हैं। अगर आप भी इस पर्व पर कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं तो, राजस्थान के कोटा जिले के मंदिर में आप दर्शन के साथ घूम भी सकते हैं। कोटा में कईं प्राचीन शिव मंदिर हैं, जिनके दर्शन करने से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
शिवपुरी धाम, कोटा
राजस्थान के कोटा शहर के थेगडा इलाके में शिवपुरी धाम का मंदिर है। इस मंदिर को थेगडा महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर बहुत ही प्राचीन है और इसकी शिल्पकला व वास्तुकला बहुत ही खास है। इस मंदिर में एक स्वास्तिक बना हुआ है, जो 525 छोटे छोटे शिवलिंगों से बना हुआ है। इस शिव मंदिर का शिवलिंग बहुत ही खास है। मंदिर के शिवलिंग का वजन 16 टन और ऊंचाई 15 फीट है। साथ ही इस मंदिर में भगवान पशुपतिनाथ की 4 मुख वाली सफेद मूर्ति भी है।
चंबल नदी के तट पर बसा गरडिया महादेव मंदिर
गरडिया महादेव मंदिर बहुत प्राचीन है। साथ ही यह मंदिर चंबल नदी के जलस्तर से करीब 500 फीट की ऊंचाई पर बसा हुआ है। इस मंदिर का धार्मिक महत्व बहुत ज्यादा है। साथ ही इस मंदिर को प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी जाना जाता है। इस मंदिर के आसपास बहुत हरियाली है और पशु पक्षियों की आवाजों से यहां की सुंदरता में ओर चार चांद लग जाते हैं। यहां के झरने को देखने और उसकी आवाज को सुनने के लिए लोग यहां भी आना अधिक पसंद करते हैं। मानसून से समय पर यहां का नजारा ओर भी देखने लायक होता है।
कसुंआ शिव मंदिर
कोटा का यह शिव मन्दिर प्रदेश के ऐतिहासिक मंदिरों में से एक है। इतिहासकारों के अनुसार इस मंदिर का निर्माण सातवीं शताब्दी में हुआ था। इस मंदिर में पूरा शिव परिवार मौजूद है। साथ ही माता सती के साथ उनकी बेटी अशोकसुंदरी जी की मूर्तियां रखी हुई है। इस मंदिर का यह नाम ऋषि कण्व के आश्रम के कारण पड़ा था। क्योंकि इस आश्रम में राजा दुष्यंत और शकुंतला की शादी हुई थी। मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में दर्शन करने से सबकी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।