Udaipur Tourism: उदयपुर के प्रसिद्ध स्थानों में टॉप पर जयसमंद झील का नाम आता है। गोमती नदी पर 100 किलोमीटर में फैली हुई मानव निर्मित झील है। इसे ढेबर झील के नाम से भी जाना जाता है। इसकी खास बात है कि यह झील जयसमंद वन्यजीव अभ्यारण से घिरी हुई है। इस वन्यजीव अभ्यारण में कई तरह के दुर्लभ जानवर और पक्षियों का बसेरा है। आइए जानते हैं इस झील से जुड़ी प्रमुख बातें और इसका इतिहास।
जयसमंद झील का निर्माण
उदयपुर में जयसमंद झील का निर्माण 1685 में महाराणा जय सिंह ने करवाया था। इस झील के निर्माण के लिए गोमती नदी पर 36.6 की ऊंचाई पर एक डैम बनाया गया। इसमें 9 नदियों और 99 नालों से पानी आता है। इस बांध का उद्घाटन 1691 में हो रहा था, तब महाराजा जय सिंह ने अपने वजन के बराबर सोना बनवाया था। इस झील कई साल बाद राजस्थान में पानी के कमी के कारण इस झील को फिर से 1902 में फिर से बड़ा बनवाया गया और यह भारत का सबसे दूसरा बड़ा मानव निर्मित झील बन गया।
लेक घूमने का सही समय?
इस झील को सैर करने का सबसे अच्छा समय सूर्यास्त के समय होता है, जब सूर्य की किरण पड़ने से झील सोने की तरह लहलहाती दिखाई देता है। लेकिन इस झील को घिरे हुए वन्यजीव अभ्यारण आप किसी भी समय देख सकते हैं। वहीं इस झील के पास एक पहाड़ी पर एक महल स्थित है, जो वन विभाग द्वारा के पास ही है इस महल को कभी कभी खोला जाता है। इसलिए इस वन अभ्यारण करने से पहले एक बार महल खुलने का समय जरूर पूछ लें।
अगर इस झील को घूमने जा रहे हैं, तो आप जंगल सफारी भी कर सकते हैं। यहां के वनों में दुर्लभ प्रजाति के जानवर पाया जाता है। वही झील के आस पास के इलाके में प्रवासी पक्षियों को देख सकते हैं। यहां देश विदेश के प्रवासी पक्षी अपना बसेरा करता है। यह झील को सोमवार से रविवार दोपहर 12 बजे से रात 12 बजे तक खुला रहता है।
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